Haryana News: फर्जी प्रमाण पत्रों से 12वीं पास करना चाहते थे 129 विद्यार्थी, परीक्षा से पूर्व सामने आया स्कूलों का घालमेल
Haryana News हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा देने का घालमेल सामने आया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) ने प्रदेश में 129 ऐसे विद्यार्थियों की पहचान की है जो निजी स्कूलों की मिलीभगत से फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 12वीं कक्षा की परीक्षा देना चाहते थे।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता: Education Fraud फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर निजी स्कूलों में दाखिला लेने व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा देने का घालमेल सामने आया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) ने प्रदेश में 129 ऐसे विद्यार्थियों की पहचान की है, जो निजी स्कूलों की मिलीभगत से फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 12वीं कक्षा की परीक्षा देना चाहते थे।
एचबीएसई की शिकायत पर सभी जिलों की पुलिस मामलों की जांच कर रही थीं। फरीदाबाद पुलिस ने जांच पूरी कर विद्यार्थियों, स्कूलों व फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अन्य जिलों में भी जल्द मुकदमे दर्ज होंगे। फरीदाबाद में ऐसे 13 विद्यार्थी और उन्हें दाखिला देकर परीक्षा दिलाने की कोशिश करने वाले 10 स्कूल हैं।
इस तरह सामने आया मामला
एचबीएसई से शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच की थी। विद्यार्थियों ने यूपी, बिहार, दिल्ली व असम जैसे राज्यों के बोर्ड से 10वीं की परीक्षा पास करने के प्रमाण पत्र दिए थे। जांच में सामने आया कि निजी विद्यालयों ने पहले विद्यार्थियों को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 11वीं में दाखिला दिया।
एचबीएसई बोर्ड से 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को 11वीं कक्षा में ही इनरोलमेंट नंबर जारी कर दिया जाता है। इसी इनरोलमेंट नंबर के आधार पर 12वीं की परीक्षा के लिए रोल नंबर जारी होता है।
साल 2021 में कोविड के चलते 12वीं की परीक्षाएं नहीं हुईं। ऐसे में एचबीएसई ने 10वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम के आधार पर 12वीं का परिणाम जारी करना था। परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले बोर्ड ने दूसरे बोर्डों से आए विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र चेक किए। इसमें 129 विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले।
पहले से घालमेल होने की भी आशंका
आर्थिक अपराध शाखा के जांच अधिकारी भरत कुमार का कहना है कि 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए तीन-चार महीने पहले फार्म भरे जाते हैं। सभी स्कूल अपने स्तर पर फार्म भरते हैं। अब तक स्कूलों द्वारा भरे गए फार्म के आधार पर विद्यार्थियों को रोल नंबर जारी कर दिया जाता था और वे परीक्षा दे देते थे।
इस बार चूंकि 10वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम के आधार पर 12वीं का परिणाम तय होना था। इसलिए दूसरे बोर्डों से आए विद्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की दोबारा से गहनता से जांच हुई। उसमें वे फर्जी निकले। हो सकता है कि यह खेल काफी पहले से चल रहा हो और पहली बार सामने आया। उनका कहना है कि अभी मामले में शुरुआती जांच की गई है। गहनता से जांच की जा रही है।