वर्षा के कई दिन बाद राजमार्ग पर जलभराव, चालक जाम से परेशान
राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलभराव न होने देने के दावे बहुत होते हैं। हर बार जलभराव होता है।
जासं, फरीदाबाद : राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलभराव न होने देने के दावे बहुत होते हैं। हर बार मानसून से पहले अधिकारी बैठक करते हैं। लेकिन जैसे ही वर्षा होती है तो दावे धुल जाते हैं। 30 जून को हुई वर्षा के बाद आज भी वाईएमसीए के पास राजमार्ग पर जलभराव है। इस वजह से वाहन चालक बेहद परेशान हैं। रोज यहां जाम लग रहा है। हालांकि एनएचएआइ की ओर से टैंकरों से पानी निकाला जाता है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। सीवर का पानी भी आता है
मुजेसर फाटक की ओर जाने वाली सड़क के पास बसी कालोनी का सीवर का पानी भी राजमार्ग पर ही आता है। जैसे ही वर्षा आती है तो सीवर व वर्षा का पानी यहां जमा हो जाता है। इससे परेशानी दोगुनी हो जाता है। एक से दो फुट तक पानी जमा हो जाता है। जलभराव की वजह से वाहन बंद हो जाते हैं। चाल धीमी हो जाती है। पीछे लंबी लाइन लग जाती है। काफी वाहन चालक रांग साइड चलते हैं, इससे परेशानी व खतरा बढ़ जाता है। बन रहे हैं रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
राजमार्ग पर 10 ऐसे चौराहे चिन्हित किए गए हैं, जहां वर्षा के बाद जलभराव होता है। इन सभी जगहों पर रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाए जा रहे हैं। काम अंतिम चरण में है। दावा है कि अगली वर्षा में होने वाले जलभराव से छुटकारा मिल जाएगा। राजमार्ग पर वर्षा के पानी निकासी के लिए टैंकरों की व्यवस्था की हुई है। रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार कर दिए हैं। नाले का निर्माण किया जा रहा है। इसे जल्द डिस्पोजल से जोड़ दिया जाएगा। कई जगह आसपास की कालोनियों का सीवर का पानी राजमार्ग पर जमा होता है। इस बारे में नगर निगम अधिकारियों को कई बार पत्र भेजा जा चुका है।
-धीरज सिंह, उपमुख्य प्रबंधक, एनएचएआइ