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यमुना पार खेतों पर जाना होगा सुगम, बनेगा मार्ग

यमुना पार गांव मोहना में अब गाइड बंध बनाने की बजाय खेतों पर जाने के लिए रास्ता बनाने की योजना तैयार की जा रही है। योजना एसडीएम की अध्यक्षता में गांव की पंचायत और राजस्व विभाग के कर्मचारी तैयार कर रहे हैं। गांव की 1365 एकड़ जमीन पर खेती करने के लिए जाने का कोई रास्ता नहीं है। नदी पर पुल बनने से पहले खेतों प जाने के लिए रास्ते यमुना से होकर निकलते थे। तब पानी कम होता था। अब पुल बनने से यहां पर जल स्तर बढ़ गया है जिससे ये रास्ते बंद हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:32 AM (IST)
यमुना पार खेतों पर जाना 
होगा सुगम, बनेगा मार्ग
यमुना पार खेतों पर जाना होगा सुगम, बनेगा मार्ग

सुभाष डागर, बल्लभगढ़

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यमुना पार गांव मोहना में अब गाइड बंध बनाने की बजाय खेतों पर जाने के लिए रास्ता बनाने की योजना तैयार की जा रही है। योजना एसडीएम की अध्यक्षता में गांव की पंचायत और राजस्व विभाग के कर्मचारी तैयार कर रहे हैं। गांव की 1365 एकड़ जमीन पर खेती करने के लिए जाने का कोई रास्ता नहीं है। नदी पर पुल बनने से पहले खेतों पर जाने के लिए रास्ते यमुना से होकर निकलते थे। तब पानी कम होता था। अब पुल बनने से यहां पर जल स्तर बढ़ गया है, जिससे ये रास्ते बंद हो गए हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल 18 मई 2015 को पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा के कहने पर गांव मोहना में यमुना नदी पर गाइड बंध बनाने की मांग को एक जनसभा में मंजूर करके गए थे। ये योजना सिचाई विभाग ने गाइड बंध बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग के पास भेजी। योजना को लेकर लोक निर्माण विभाग ने गाइड बंध बनाने से मना कर दिया। क्योंकि यमुना पर बनाया गया पुल पूरी तरह से सुरक्षित है। ये योजना विभाग ने वापस सरकार के पास भेज दी। बाद में सरकार ने योजना को नदी पर बांध बनाने के लिए सिचाई विभाग के पास भेज दिया। सिचाई विभाग ने तीन प्रदेशों का मामला बताते हुए यमुना पर बांध बनाने से मना कर दिया। गांव के किसान अब नदी पार खेतों पर आने-जाने के लिए एक रास्ता बनाने की मांग कर रहे हैं। अब इस योजना को रास्ता बनाने के लिए बदल दिया गया है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए विधायक टेकचंद शर्मा और एसडीएम त्रिलोक चंद, गांव के सरपंच रणजीत सिंह, गांव के पटवारी ने दौरा किया और मौके के अनुसार योजना बनानी शुरू कर दी है। गांव की नदी पार 1365 एकड़ भूमि है, जिसके लिए रास्ता नहीं है। यदि रास्ता बनाते हैं, तो आठ एकड़ भूमि ऐसी है जहां पर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। यदि जमीन अधिग्रहण नहीं करते हैं, जिन किसानों के खेत हैं, उन किसानों को रास्ते की जमीन के बदले पंचायत को पंचायती जमीन में से अदला-बदली करके जमीन देनी होगी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार के पास भेज रहे हैं। योजना पर फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा।

-त्रिलोक चंद, एसडीएम, बल्लभगढ़


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