बेटी की शादी की तैयारी पर यमुना ने फेरा पानी
बिहार के सीतामढ़ी से खेती करने आए किसान के लिए यमुना की बाढ़ तबाही लेकर आई। किसान ने सुबह से शाम तक खेतों में पसीने बहा
सुभाष डागर, बल्लभगढ़ : बिहार के सीतामढ़ी से खेती करने आए किसान रघुबीर के लिए यमुना की बाढ़ आर्थिक रूप से बर्बादी का कारण बन कर आई। किसान ने सुबह से शाम तक खेतों में पसीने बहा कर परमल सब्जी की खेती की थी और यह उम्मीद की थी कि इस बार की आमदनी से सिर से कर्ज का बोझ उतार देंगे और अपनी बेटी की शादी भी धूमधाम से कर सकेंगे। लेकिन किसान को क्या पता था कि अचानक बाढ़ आएगी, जो उसकी बेटी की शादी की तैयारियों के लिए देखे गए सपने व उम्मीदों को बहा ले जाएगी।
जिला सीतामढ़ी बिहार के रहने वाले रघुबीर ने फफक-फफक कर रोते हुए बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर गांव मंझावली में यमुना किनारे 25 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से एक लाख रुपये में चार एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी। नवंबर में उनकी बेटी की शादी है। बेटी की शादी अच्छी तरह से कर सकें, इस उम्मीद से उसने परमल सब्जी की फसल लगाई थी। वे यहां पर अपने भाई राजेंद्र ¨सह, अपनी पत्नी, भाई की पत्नी के साथ झोपड़ी में रहकर फसल की देख-रेख करते हैं। अब फसल बर्बाद होने के बाद उन्हें तो मुआवजा भी नहीं मिलेगा, क्योंकि जमीन पट्टे पर ली थी। अब वे कैसे तो कर्ज का भुगतान करेंगे और बेटी की शादी के लिए अलग से कर्ज लेना पड़ेगा। यदि यमुना का जलस्तर अब भी घट जाए और फिर दोबारा पानी न आए, तो भी कुछ फसल बच सकती है, लेकिन पानी तो घटने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। लगता है बर्बाद करके ही जाएगी।