परिवहन मंत्री ने बस अड्डे का किया औचक निरीक्षण
परिवहन एवं भू-खनन मंत्री मूलचंद शर्मा सोमवार को दिन के 11 बजे हरियाणा रोडवेज के राजा नाहर सिंह सामान्य बस अड्डे पर पहुंच गए। उनके साथ फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता भी थे। दोनों ने बस अड्डे की सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा सोमवार को दिन के 11 बजे अचानक हरियाणा रोडवेज के राजा नाहर सिंह सामान्य बस अड्डे पर पहुंच गए। उनके साथ फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता भी थे। मंत्री की सबसे पहले निगाह बस अड्डे के बाहर राजमार्ग पर खड़ी डग्गेमार बसों पर पड़ी, जो विभाग को घाटे में पहुंचा रही हैं। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को इन बसों को पकड़ कर बंद करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने मंत्री के निर्देशों के बाद नौ डग्गेमार बसों (बिना परमिट के चलने वाली) को पकड़ा। इनमें से पांच बसों को जब्त कर लिया और चार बसों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना करके छोड़ दिया। मंत्री ने इसके बाद सवारियों के लिए पेयजल से जुड़ी पानी की टंकियों के ढक्कन हटा कर देखे और सुलभ शौचालय का भी निरीक्षण किया। खामियां मिलने पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को साफ-सफाई बाबत निर्देश दिए। उन्होंने कैंटीन की खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जानकारी ली। दुकान में भरा था रिकार्ड
अड्डे के अंदर ठेके पर देने के लिए बनाई गई दुकान के अंदर रखे पुराने रिकार्ड को देख कर परिवहन मंत्री ने नाराजगी जताई। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि छह महीने के अंदर रिकार्ड को नष्ट कर दिया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरियाणा रोडवेज काफी घाटे में चल रहा है। विभाग को घाटे से उबारने के लिए ज्यादा से ज्यादा चक्कर लगाएं और घाटे के रूटों को तुरंत बंद कर दें। मुनाफे के रूटों पर ज्यादा से ज्यादा सुविधा दी जाए। जीएम की गैर मौजूदगी पर मंत्री ने नहीं की कार्रवाई
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के औचक निरीक्षण के दौरान रोडवेज के महाप्रबंधक(जीएम) भारत भूषण गोगिया उपस्थित नहीं थे। पूछने पर स्थानीय स्टाफ ने कहा कि जीएम सप्ताह में एक आध दिन ही आते हैं, वरना डाक को हस्ताक्षर करने के लिए अपने घर पर ही मंगा लेते हैं। इस पर मंत्री जीएम के कार्यालय में बैठ गए, पर किसी तरह की कार्रवाई पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। जब मीडियाकर्मियों ने जीएम की अनुपस्थिति बारे पूछा, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अधिकारी प्रदेश के ही रहने वाले हैं, कहीं बाहर के नहीं हैं। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करें। अलबत्ता मंत्री ने कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर देख कर अनुपस्थित कर्मियों की गैर हाजिरी जरूर लगाई।