व्यापारियों के माध्यम से होगा गेहूं का भुगतान
राज्य सरकार ने गेहूं का भुगतान सीधा किसानों को करने की बजाय व्यापारियों के माध्यम से करने की बात को मान लिया है। व्यापारियों ने मंगलवार को होने
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : राज्य सरकार ने गेहूं का भुगतान सीधा किसानों को करने की बजाय व्यापारियों के माध्यम से करने की बात को मान लिया है। व्यापारियों ने मंगलवार को होने वाली हड़ताल को भी वापस ले लिया। सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया माना जा रहा है। गेहूं की सरकारी खरीद व्यापारी के माध्यम से की जाती है। यही वजह है कि गेहूं की सरकारी खरीद का चेक भी पहले व्यापारी के पास आता है और फिर व्यापारी ही किसान को गेहूं का भुगतान करते हैं। इस बार सरकार ने बाजरे का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया, जिसका भुगतान सरकार ने सीधा किसानों के बैंक खाते में किया। सरकार को सबसे बड़ा फायदा ये रहा कि दूसरे प्रदेशों के किसानों का बाजरा सरकारी समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा गया। जब बाजरे की सरकारी खरीद की योजना सफल हो गई, तो गेहूं को भी ऑनलाइन खरीदने का फैसला ले लिया। सरकार ने ऑनलाइन गेहूं की रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 15-जनवरी और फार्म भर कर रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी तय कर दी। व्यापारियों का कहना है कि किसान गेहूं की ऑनलाइन सरकारी खरीद होने से उनकी उधार राशि का भुगतान नहीं करेंगे। व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। व्यापारियों ने 15 जनवरी को हड़ताल करने और जींद में रैली आयोजन की सरकार को धमकी दे दी। लोकसभा और जींद उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार हरकत में आ गई और व्यापारियों के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्री से व्यापारी एसोसिएशन की सोमवार को बात हुई थी। सरकार ने व्यापारियों की मांगों को मान लिया है और अब गेहूं का ऑनलाइन भुगतान नहीं किया जाएगा। अब पहले की तरह व्यापारी के माध्यम से ही भुगतान होगा।
-बिशन बंसल, प्रधान, व्यापारी एसोसिएशन अनाज मंडी बल्लभगढ़ --- समाप्त
सुभाष डागर
15- जनवरी- 19