बाढ़ नियंत्रण को लेकर यमुना का हो रहा सर्वे
यमुना नदी में आने वाली बाढ़ से किसानों को आने वाले समय में फसल का नुकसान न उठाना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम सर्वे
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : यमुना नदी में आने वाले समय में बाढ़ से किसानों को फसल का नुकसान न उठाना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम सर्वे कर रही है। यमुना नदी का सर्वे यमुनानगर से लेकर आगरा तक किया जाएगा। सर्वे के बाद यमुना के बाढ़ के दौरान आने वाले पानी का क्षेत्र तय कर दिया जाएगा। जो समय सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार तय किया जाएगा, उसमें किसानों को फसल बोने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यमुना में हर वर्ष बरसात के मौसम में बाढ़ आने से किसानों की करोड़ों रुपये की फसल बह जाती है। फसल का नुकसान हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को उठाना पड़ता है। फसल बह जाने से हर वर्ष हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच सीमा विवाद पैदा हो जाता है। सीमा विवाद को दूर करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया ने दोनों प्रदेशों के बीच पहले से ही पिलर बना दिए हैं। सीमा तय करने के बाद नाबार्ड बैंक की मदद से सर्वे ऑफ इंडिया ने अब यमुना का सर्वे कर दिया है। सर्वे फरवरी-2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। बरसात के मौसम में यमुना में बाढ़ आने से पहले किसानों को बता दिया जाएगा कि पानी कहां तक फैलेगा। किसान सर्वे द्वारा तय समय सीमा में फसल की बुवाई नहीं करेंगे। सर्वे ऑफ इंडिया की 10 सदस्यीय टीम ये कार्य कर रही है। यमुना नदी का सर्वे नेशनल सर्वे के नाम से किया जा रहा है। नाबार्ड बैंक ने यमुना के साथ-साथ रावी और ताप्ती नदियों का भी सर्वे का कार्य सौंपा है। सर्वे के बाद किसानों से खरीफ के दौरान रकबा खाली छोड़ने के बारे में कहा जाएगा, ताकि बाढ़ से फसल नष्ट न हो।
-करतार ¨सह, इंचार्ज, सर्वेयर टीम, सर्वे ऑफ इंडिया