शहीदों के परिजनों ने जताई खुशी, बताया ऐतिहासिक फैसला
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने की खबर सुनने के बाद शहीदों के परिजनों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। उनका कहना है कि इस फैसले के राजनीतिक परिणाम दूरगामी है जो देश हित में होंगे। अब तक कश्मीर के लोग और नेता अपने आप को भारत से अलग मानते थे अब वे भविष्य में भारतीय कहेंगे। ऐसा करने से कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगेगी। सैनिकों की शहादत भी कम होंगी। विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो चुका है। जो कश्मीरी पंडित पलायन करके आ गए हैं वे दोबारा से अपने मकानों में जाकर रह सकेंगे और अपनी संपत्ति का सदुपयोग कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने की खबर सुनने के बाद शहीदों के परिजनों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। उनका कहना है कि इस फैसले के राजनीतिक परिणाम दूरगामी हैं, जो देश हित में होंगे। अब तक कश्मीर के लोग और नेता अपने आपको भारत से अलग मानते थे, अब वे भविष्य में भारतीय कहेंगे। ऐसा करने से कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगेगी। सैनिकों की शहादत भी कम होंगी। विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो चुका है। जो कश्मीरी पंडित पलायन करके आ गए हैं, वे फिर से अपने मकानों में जाकर रह सकेंगे और अपनी संपत्ति का सदुपयोग कर सकेंगे।
शहीदों के परिजनों ने कहा कि भाजपा ने दशकों पहले देश के लोगों से वादा किया था कि जब भी उन्हें लोकसभा में दो तिहाई बहुमत मिल जाएगा, तो वे कश्मीर में लगी धारा 370 को खत्म कर देंगे। भाजपा ने मई में हुए लोकसभा चुनाव में कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए अपने घोषणा पत्र में कहा था। सरकार को अब बहुमत मिल चुका है। सरकार ने पहले ही सत्र में धारा 370 को समाप्त कर दिया। मेरे पति कश्मीर में ही तैनात थे। कश्मीर में सरकार ने धारा 370 को समाप्त करके ऐतिहासिक फैसला लिया है। यदि ये फैसला बहुत पहले ले लिया जाता, तो शायद इतने सैनिकों को देश के लिए शहीद नहीं होना पड़ता। अब सरकार ने देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाने का काम किया है।
-गीता, वीरांगना, शहीद संदीप, अटाली अब तक जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने वाले दल अपने आपको भारत से अलग और ऊपर मानते थे। धारा 370 हटने के बाद ये नेता अब अपने आपको भारत का हिस्सा मानेंगे। कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है, जिसे हर फैसले के लिए दिल्ली से बात करनी पड़ेगी।
- नयनपाल कालीरमन, पिता संदीप अटाली मोदी सरकार ने अपने वायदे को पूरा किया है। कारगिल को मिलाकर सरकार ने लद्दाख को एक अलग से ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। उम्मीद है कि अब आतंकवादियों पर ज्यादा बेहतर तरीके से लगाम लग सकेगी।
-शिवदयाल, छोटा भाई, शहीद रघुबीर सिंह सोतई अब देश में एक निशान, एक संविधान और एक ही नागरिकता होगी। यदि ये कदम सरकार बहुत पहले उठाती, तो शायद हमें इतने सैनिक शहीद नहीं करने पड़ते। देर से आस, परंतु दुरुस्त आए। अब वहां पर औद्योगिक क्रांति आएगी। वहां पर युवाओं को रोजगार मिलेंगे। पत्थर मारने वालों को रोजगार मिलेगा।
-डॉ.हर प्रसाद अत्री, भाई, कारगिल शहीद विरेंद्र कुमार
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