एक माह में पिलर्स की मरम्मत के लिए ठेकेदार नहीं ढूंढ पाया निगम
नगर निगम को शहर की जनता को सहूलियत देने की कितनी फिक्र इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम को शहर की जनता को सहूलियत देने की कितनी फिक्र है, इसका अंदाजा नीलम ओवरब्रिज के नीचे क्षतिग्रस्त हुए पिलर्स की एक महीने बाद भी मरम्मत न होने से लगाया जा सकता है। मरम्मत होना तो दूर की बात है, अभी तक निगम मरम्मत कार्य शुरू कराने के लिए ठेकेदार ही नहीं ढूंढ पाया है।
निगम ने जर्जर पिलर्स की मरम्मत के लिए 12 नवंबर को टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। हफ्ते भर बाद टेंडर खोले जाने थे। संबंधित कंपनी को जर्जर पिलर्स की पूरी तरह मरम्मत करने के लिए 45 दिन का समय दिया जाता, मगर 23 नवंबर तक कोई भी ठेकेदार आगे नहीं आया है। अब निगम ने नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। अभी तक नीलम ओवरब्रिज से एक तरफ से ही आवागमन चालू है, जिसका खामियाजा यहां से निकलने वालों को जाम में फंसने के रूप में उठाना पड़ रहा है। 22 अक्टूबर को लगी थी आग
22 अक्टूबर को नीलम ओवरब्रिज के नीचे कबाड़ में आग लग गई थी। आग लगने से ओवरब्रिज के पिलर्स बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। उस समय ओवरब्रिज से दोनों तरफ का अवागमन बंद कर दिया गया था। नीलम से अजरौंदा, राष्ट्रीय राजमार्ग जाने वाले ओवरब्रिज के पिलर्स की हालत अधिक खराब थी। ऐसे ही अजरौंदा से नीलम चौक की तरफ आने वाले पिलर्स कम क्षतिग्रस्त हुए थे। निगम ने लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार से पिलर्स की छोटी-मोटी मरम्मत करके इस रास्ते को आवागमन के लिए 2 नवंबर शाम को खोल दिया गया था, मगर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी, जो अभी तक बरकरार है। निगम ने निजी एजेंसी के इंजीनियर्स को भी मौके पर बुलाया था। निजी एजेंसी की सलाह के बाद ही टेंडर प्रकिया शुरू की गई थी। करीब 24 लाख रुपये की लागत से ओवरब्रिज के पिलर्स की मरम्मत कार्य किया जाना है। कार्य पूरा करने को ठेकेदार को 45 दिन तक समय दिया जाएगा। यह तभी संभव हो पाएगा, जब ठेकेदार आगे आएंगे। हमने नए सिरे से टेंडर लगा दिए हैं। काम पूरा होने के बाद नीलम ओवरब्रिज से भारी वाहन भी आ-जा सकेंगे।
-ओपी कर्दम, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम।