पट्टे न छोड़े जाने से आई आर्थिक तंगी
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : यमुना के घाटों को पंचायत समिति पिछले तीन वर्ष से पट्टे पर नहीं छ
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : यमुना के घाटों को पंचायत समिति पिछले तीन वर्ष से पट्टे पर नहीं छोड़ पाई है। जिससे पंचायत समिति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। अब पंचायत समिति अपने जरूरी खर्चों के लिए पूरी तरह से सरकार से मिलने वाले अनुदान पर निर्भर है।
बल्लभगढ़ पंचायत समिति के कार्यक्षेत्र में यमुना नदी पर मंझावली, साहुपुरा खादर, चांदपुर, छांयसा, मोहना घाट पड़ते थे। नए वित्त वर्ष से शुरू होने से पहले ही पंचायत समिति इन घाटों को नाव चलाने के लिए एक वर्ष के पट्टे पर छोड़ती थी। जिससे पंचायत समिति को हर वर्ष लाखों रुपये का राजस्व मिलता था। पंचायत समिति समय-समय पर पंच-सरपंचों के सम्मेलन आयोजनों, किसी विशेष जन समस्या समाधान, कार्यालय के फर्नीचर, जलपान और दूसरे खर्चों पर पट्टे की राशि को खर्च करती थी। अब यमुना नदी के मोहना घाट पर पुल बन चुका है। छांयसा और अरुआ घाट पर हर वर्ष पंटून पुल लगाया जाता है। मंझावली में नोएडा जोड़ने के लिए पुल बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जो घाट बचे हुए हैं, उन्होंने कोई भी ठेकेदार पट्टे पर न तो लेता है और न ही लेने को तैयार है। पंचायत समिति की धीरे-धीरे आय खत्म हो गई है। पिछले तीन वर्ष से एक भी घाट पट्टे पर नहीं छोड़ा गया। जिसकी वजह से अब पंचायत समिति के सभी खर्च और कार्य सरकार से मिलने वाले अनुदान निर्भर हैं। यदि सरकार से अनुदान न मिले, तो पंचायत समिति के पास जलपान के लिए भी राजस्व नहीं होगा। पंचायत समिति की अपनी आय अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।
हमने अभी यमुना के घाट पट्टे पर नहीं छोड़े हैं। जल्दी ही नए वित्त वर्ष के लिए यमुना घाटों को पट्टे पर छोड़ने के लिए प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
पूजा शर्मा, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, बल्लभगढ़