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निगमायुक्त के आदेशों की भी परवाह नहीं

पेयजल आपूर्ति के मामले में नगर निगम के अधिकांश अधिकारी निगमायुक्त अनीता यादव के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 06:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:35 PM (IST)
निगमायुक्त के आदेशों की भी परवाह नहीं
निगमायुक्त के आदेशों की भी परवाह नहीं

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पेयजल आपूर्ति के मामले में नगर निगम के अधिकांश अधिकारी निगमायुक्त अनीता यादव के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

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करीब डेढ़ महीने पहले निगमायुक्त अनीता यादव ने संबंधित कार्यकारी अभियंता, एसडीओ और जेई को दिए थे कि पेयजल संबंधी शिकायत आने के 24 से 48 घंटे में समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। मगर आम आदमी की सुनवाई तो दूर की बात निगम पार्षदों की शिकायत की भी निगम अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं।

पेयजल आपूर्ति के मामले में पिछले कुछ दिनों में किए गए रोष प्रदर्शन से साफ है कि लोगों की सही तरीके से सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि निगमायुक्त अनीता यादव ने पेयजल आपूर्ति सिस्टम में सुधार के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को अनुबंध के तहत सेवा दे रहे एक कनिष्ठ अभियंता की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। मैंने महीना पहले कार्यकारी अभियंता को अपने वार्ड के 7 खराब ट्यूबवेलों के बारे में जानकारी दी थी। दीप वाटिका के पास दो ट्यूबवेल खराब हैं। छठ मइया पार्क, भगत सिंह कालोनी ए ब्लाक का ट्यूबवेल भी खराब है। अब तक कोई काम नहीं किया गया है। ऐसे में उम्मीद लगा सकते हैं कि अधिकारी कितने जिम्मेदार हैं।

-दीपक चौधरी, वार्ड 37 के पार्षद। मेरे वार्ड की संजय कालोनी की गली नंबर 67, 68 और शिव कालोनी तथा आसपास ट्यूबवेल खराब हैं। कई बार निगम अधिकारियों से शिकायत की है। ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

-शीतल खटाना, वार्ड 4 की पार्षद। रेनीवेल लाइनों के शुरू होने से निगम क्षेत्र में पीने के पानी की उपलब्धता पिछले वर्ष की तुलना से बेहतर रहने की संभावना है। इस बार गर्मी में शहरवासियों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां कमी नजर आ रही है, वहां टैंकरों से पानी आपूर्ति की जा रही है।

-डीआर भास्कर, मुख्य अभियंता। पेयजल आपूर्ति के मामले में नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी पर लापरवाही भारी पड़ सकती है। मैंने साफ तौर से कह दिया है कि पेयजल के मामले में अब अगर शिकायत आने पर तुरंत समाधान का नहीं किया गया तो संबंधित एसडीओ और जेई को निलंबित किया जाएगा।

-अनीता यादव, निगमायुक्त। पेयजल किल्लत को लेकर आईं प्रमुख शिकायतें और रोष प्रदर्शन

8 मार्च : इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, कृष्णा नगर, सेक्टर-25 ने नगर निगम से मांग की थी कि उनके क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति दुरुस्त की जाए।

10 मार्च: सेक्टर-23 के लोगों ने दूषित पानी की आपूर्ति की शिकायत की।

3 अप्रैल-डबुआ कालोनी ए ब्लाक के लोगों ने निगम मुख्यालय आकर रोष जताया।

4 अपैल: पेयजल के मुद्दे पर डबुआ गाजीपुर रोड पर लोगों ने जाम लगाया।

4 अप्रैल: सेक्टर-46 के लोगों ने पेयजल किल्लत को लेकर रोष जताया।

8 अप्रैल: नगर निगम पार्षद दीपक चौधरी, महेंद्र सिंह, शीतल खटाना और जयवीर खटाना ने पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करने की मांग की थी।

15 अप्रैल: मिल्हार्ड कालोनी, कृष्णा नगर और राम नगर के लोगों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बलजीत कौशिक के नेतृत्व में निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।

-सैनिक कालोनी के लोग कई दिनों से पेयजल आपूर्ति की शिकायत कर रहे हैं। पानी की मांग और आपूर्ति का अंतर

नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार शहरवासियों को 240 एमएलडी पानी की जरूरत है और 225 एमएलडी की आपूर्ति की जा रही है। एक एमएलडी में दस लाख लीटर पानी होता है। एनआइटी को 125, ओल्ड फरीदाबाद को 65 तथा बल्लभगढ़ जोन में 50 एमएलडी पानी की जरूरत है। पूरे नगर निगम क्षेत्र में 1411 ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। इनके अलावा रेनीवेल से भी अधिकांश क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।


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