जो सत्संग में व्यतीत हो गया, वही समय अच्छा : मोरारी बापू
फरीदाबाद में मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के तत्वावधान में सेक्टर-12 में आयोजित रामकथा में मोरारी बापू ने कहा कि जो समय सत्संग में बीता, वही समय सबसे अच्छा है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के तत्वावधान में सेक्टर-12 में आयोजित मोरारी बापू के मुखार¨वद से श्रीराम कथा का श्रवण करने के लिए आम और खास दोनों तरह के श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आ रहा है। कथा के चौथे दिन भी 12 से अधिक क्षमता वाला पंडाल भरा नजर आया। अति विशिष्ट हस्तियों में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी, आश्रम हरि मंदिर संस्कृत महाविद्यालय पटौदी के संचालक और महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव, हरियाणा के पूर्व मंत्री एसी चौधरी एवं महेंद्र प्रताप, उद्यमी ओपी पांडे व एचके बत्रा प्रमुख रहे।
मंगलवार का दिन प्रभु राम भक्त हनुमान जी को समर्पित रहा और इस दिन कथा मंडप में भजन और चौपाइयों के साथ जब बापू ने श्रीराम जन्म की घोषणा की तो हजारों श्रोता भावविभोर होकर नाचने लगे। आयोजन मंडल की ओर से दीपिका भल्ला और निशा भल्ला ने श्रद्धालुओं के बीच मिठाईयां बांटी।
सत्संग में बापू ने रामचरितमानस के बालकांड से कथा की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि रामायण की पूरी कहानी की रूपरेखा यहीं से शुरू होती है। धार्मिक ²ष्टि से रामायण के बालकांड अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। बृहद्धर्मपुराण के अनुसार इस कांड का पाठ करने से समस्त पीड़ा और दुखों से मुक्ति मिलती है।
बापू ने इस दौरान बताया उनकी कथा में दो तबला वादक हैं। जिनमें से एक ¨हदु और एक मुस्लिम है। एक का रमजान महीना चल रहा है और दूसरे का अधिक मास। उन्होंने बताया, इस तबले का जो चमड़ा है, हर चौपाई पर सुर में बजता है, इससे इस पशु को मुक्ति मिलेगी। ये सभी उपकरण जिस भी चीज से बने होंगे, रामायण के साथ में सुनते-सुनते धन्य हो गए। बापू ने कहा, जिस पन्ने पर रामचरितमानस छपा है, वह वृक्ष धन्य हो जाएगा। उन्होंने अंत में यही कहा कि अच्छा समय वह नहीं जब आपकी कलाई पर अच्छी घड़ी बंधी हो बल्कि अच्छा समय वही जो सत्संग में व्यतीत हो।
इस मौके पर आए श्रद्धालुओं का स्वागत और अभिनंदन आयोजकों में डॉ.प्रशांत भल्ला, डॉ.अमित भल्ला, एनसी वधवा, डॉ.संजय श्रीवास्तव, सरकार तलवाड़ ने किया।
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बापू ने किया भोजन प्रसाद का निरीक्षण
कथा के बाद मोरारी बापू ने श्रद्धालुओं के बने भोजन प्रसाद का निरीक्षण किया। विभिन्न भोज्य पदार्थों को लेकर अपने साथ लेकर गए। इसके बाद जहां भोजन बनता है यानी रसोई में भी सारी व्यवस्था देखी।
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एक संत ने लिया संत से आशीर्वाद
आश्रम हरि मंदिर संस्कृत महाविद्यालय पटौदी के संचालक और महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कथा श्रवण करने के बाद मंच पर पहुंचे और मोरारी बापू से आशीर्वाद लिया। यह एक संत का दूसरे संत से मिलन था और दोनों संतों को जानने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक अछ्वुत संयोग था।