बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह हो
बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह के नाम पर रखने की व्यापारियों ने भी सरकार से मांग की है। सरकार को राजा नाहर ¨सह के बलिदान और इतिहास को ध्यान में रखना चाहिए।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह के नाम पर रखने की व्यापारियों ने भी सरकार से मांग की है। सरकार को राजा नाहर ¨सह के बलिदान और इतिहास को ध्यान में रखते हुए स्टेशन का नामकरण करना चाहिए। बल्लभगढ़ की पहचान राजा नाहर ¨सह के नाम से है। बल्लभगढ़ के राजा नाहर ¨सह 1857 की क्रांति के अग्रणी पंक्ति के योद्धाओं में शामिल थे। उन्होंने अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर, तात्या टोपे, मंगल पांडेय, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। राजा नाहर ¨सह न तो अपने परिवार, न ही जाति और न ही धर्म के लड़ रहे थे, वे सिर्फ देश के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। अंग्रेजों ने राजा नाहर ¨सह को धोखे से बंदी बना लिया और उन्हें 9 जनवरी 1858 को चांदनी चौक लाल कुआं पर सार्वजनिक फांसी पर लटका दिया। व्यापारियों का कहना है कि बल्लभगढ़ के मेट्रो स्टेशन का नाम भी यदि राजा नाहर ¨सह के नाम पर नहीं रखा गया, तो यहां की जनता के साथ न्याय नहीं होगा। बल्लभगढ़ के व्यापारी नेता भी अब सरकार से मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं। बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह के नाम पर ही रखा जाना चाहिए। क्योंकि बल्लभगढ़ की आन-बान-शान राजा नाहर ¨सह का बलिदान है। जब लोग बल्लभगढ़ में आएंगे और नाहर ¨सह के बारे में पूछेंगे, तो इससे यहां का इतिहास ¨जदा रहेगा।
-बृजमोहन गर्ग, प्रधान, मोहना मार्ग मार्केट गुप्ता होटल चौक। बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह रखना एक गौरव की बात होगी। सरकार को जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए स्टेशन का नाम राजा नाहर ¨सह रखना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को भी ये पता चलना चाहिए कि मेट्रो का नाम राजा नाहर ¨सह क्यों पड़ा, वे कौन थे और उन्होंने देश के लिए क्या किया।
-राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, पूर्व पार्षद, बल्लभगढ़।