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बर्फीली हवाओं ने कंपा दिए हाड़

कुछ दिनों तक दिन में खिली धूप निकलने से और रात को भी हल्की ठंड होने से लोग राहत महसूस कर रहे थे, पर मकर संक्रांति वाले दिन मंगलवार को सर्द हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। दिन में धूप तो निकली, पर हवाओं ने इसके असर को बेअसर कर दिया। दिन का अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाम को बहुत से लोगों ने अलाव जलाकर थोड़ी राहत पाने की कोशिश की। बाजारों में आम दिनों की अपेक्षा रौनक कम रही। सरकारी व निजी संस्थानों के दफ्तरों में लोगों ने हीटर जला कर सर्दी से बचाव को प्रयास किए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:27 PM (IST)
बर्फीली हवाओं ने कंपा दिए हाड़
बर्फीली हवाओं ने कंपा दिए हाड़

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कुछ दिनों तक दिन में खिली धूप निकलने से और रात को भी हल्की ठंड होने से लोग राहत महसूस कर रहे थे, पर मकर संक्रांति वाले दिन मंगलवार को बर्फीली हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। दिन में धूप तो निकली, पर हवाओं ने इसके असर को बेअसर कर दिया। दिन का अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाम को बहुत से लोगों ने अलाव जलाकर थोड़ी राहत पाने की कोशिश की। बाजारों में आम दिनों की अपेक्षा रौनक कम रही। सरकारी व निजी संस्थानों के दफ्तरों में लोगों ने हीटर जला कर सर्दी से बचाव के प्रयास किए। निमोनिया, श्वास रोग के मामले बढ़े

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस मौसम में निमोनिया, सांस के रोगी तथा बुखार के मामलों में इजाफा होता है। खास कर बच्चों तथा बुजुर्गों की सेहत को लेकर ध्यान देने की जरूरत है। सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीज ज्यादा आते हैं। बादशाह खान अस्पताल के रिकार्ड के मुताबिक इन दिनों ओपीडी में 1800 से ज्यादा नए पुराने मरीज आ रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में छाती संक्रमण, खांसी और बुखार से पीड़ित बच्चे भी हैं। स्वइन फ्लू संदिग्ध दस मामले आए

सर्दी में स्वाइन फ्लू संदिग्ध मामले भी आ रहे हैं। स्वाइन फ्लू संदिग्ध दस मामले आने से अब संदिग्ध मामलों की संख्या 60 हो गई है। अब तक स्वाइन फ्लू के 16 मामलों की पुष्टि की गई है। इस मौसम में गला संक्रमण के मामले भी आते हैं। बुजुर्गों व बच्चों को खास कर सर्दी से बचाने की जरूरत है। ठंड कम होने पर भी सावधानी बरतें। लापरवाही न बरतें। खानपान के मामले में सावधानी बरतें, पानी गुनगुना करके पीएं, अगर कभी बुखार हो या गले में संक्रमण हो, तो अपनी मर्जी से दवा नें लें और अपने नजदीकी चिकित्सक या राजकीय अस्पताल में आकर डॉक्टरों से संपर्क करें।

-डॉ.सुशील माही, कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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