पौष्टिक आहार की राशि से वंचित हैं टीबी मरीज
केंद्र सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत मिशन के तहत पिछले वर्ष शुरू की गई निक्षण पोषण योजना का टीबी मरीजों को सही तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे टीबी मरीज हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि निक्षय पोषण योजना क्या है।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : केंद्र सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत मिशन के तहत पिछले वर्ष शुरू की गई निक्षय पोषण योजना का टीबी मरीजों को सही तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे टीबी मरीज हैं, जिन्हें पता ही नहीं है कि निक्षय पोषण योजना क्या है। जिला टीबी यूनिट में आने वाले मरीजों ने शनिवार को ऐसे ही हाल बयां किए, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी योजना की कामयाबी का दावा कर रहे हैं।
बता दें कि इस समय जिले में करीब 9 हजार टीबी मरीज हैं, जिनका अलग-अलग टीबी यूनिटों में इलाज चल रहा है। रिकार्ड के अनुसार अभी करीब 5 हजार मरीजों के खाते में आहार की राशि डाल दी गई है। करीब हजार मरीजों को पौष्टिक आाहर के लिए राशि नहीं दी गई है। मेरा यहां टीबी यूनिट में इलाज चल रहा है। मुझे निक्षय पोषण योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। योजना के तहत अगर पैसे दिए जाते हैं तो मुझे भी मिलने चाहिए।
-भीम बहादुर, एसजीएम नगर निवासी। मैं 5 महीने से टीबी का इलाज करा रहा हूं। मेरे बैंक खाते में एक महीने के भी आहार के पैसे नहीं आए हैं। मुझे पता चलता था कि टीबी के मरीजों को पैसा दिया जाता है।
-नाहर सिंह, राहुल कालोनी निवासी। मेरी बहन का टीबी यूनिट में इलाज चल रहा है। हमारे खाते में निक्षय योजना के 500 रुपये नहीं आए हैं। समझ में नहीं आ रहा कि आखिर योजना का क्या मतलब है।
-प्रिया, संत नगर। यह है निक्षय पोषण योजना
केंद्र सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत मिशन के तहत निक्षय पोषण योजना अप्रैल, 2018 से शुरू की गई है। इस योजना के तहत टीबी मरीजों के खाते में हर महीने 500 रुपये दिए जाने हैं। पौष्टिक आहार के लिए इस राशि का भुगतान सीधा मरीजों के खाते में जमा करा करके किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए मरीज को अपने नजदीकी टीबी यूनिट में जाना होगा और अपना बैंक खाता तथा आधार कार्ड नंबर देना होगा। हम मरीजों के बैंक खाता खुलवाने और आधार कार्ड बनवाने में मदद कर रहे हैं। करीब 5 हजार मरीजों के बैंक खाते में आहार की राशि डाल दी गई है। अभी बहुत से ऐसे मरीज हैं, जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं और बैंक खाते भी नहीं खुलवाए हैं। उन्हें जागरूक किया जा रहा है। जैसे-जैसे मरीजों के आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर मिल रहे हैं, उनके खाते में पैसे जमा करवाए जा रहे हैं।
-डॉ.शीला भगत, जिला टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी।