केजीपी पर अंधेरा बनता है दुर्घटना का कारण
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे कुंडली-गाजियाबाद-पलवल(केजीपी) पर अंधेरा छाया होने के कारण अकसर दुर्घटना घटती रहती हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधि
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) पर अंधेरा छाया होने के कारण अकसर दुर्घटना घटती रहती हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआइ) ने टोल के नजदीक तो लाइटें लगाई हैं, लेकिन अन्य स्थानों पर कोई लाइट नहीं लगाई है। ट्रैफिक पुलिस भी लाइट लगाने के बारे में एनएचएआइ के अधिकारियों की बैठक में मुद्दा उठा चुके हैं।
केजीपी की बल्लभगढ़ के गांवों में करीब 15 किलोमीटर की दूरी है। गांव मौजपुर के पास मार्ग के ऊपर चढ़ने-उतरने के लिए टोल लगाया गया है और यहां पर रास्ता भी बनाया गया है। ये क्षेत्र थाना छांयसा के अंतर्गत आता है। सड़क पूरी तरह से सीमेंटेड और चौड़ी बनी होने के कारण वाहन तेज गति से चलते हैं। अकसर यहां पर टायर पंचर हो जाते हैं। रात के अंधेरे में तेज गति से आने वाले वाहनों को सड़क पर खड़े हुए वाहन दिखाई नहीं देते हैं और पीछे से आने वाले वाहन खड़े वाहनों में टक्कर मार देते हैं, जो जानलेवा हादसों में तब्दील होते हैं। सोमवार रात्रि भी गांव शाहजहांपुर के पास एक कैंटर-ट्रॉला की टक्कर में चार लोगों की हुई मौत की वजह अंधेरा होना ही बताया जा रहा है। एनएचएआइ के अधिकारियों की जब बैठक हुई थी, तो केजीपी पर लाइट लगाने का मुद्दा उठाया था। तब एनएचएआइ अधिकारियों ने केजीपी पर लाइट न लगाए जाने का प्रावधान का हवाला दिया था। सोमवार को हुई घटना के बाद एनएचएआइ को पत्र भी लिख रहे हैं और अधिकारियों की बैठक में फिर से लाइट लगाने का मुद्दा उठाया जाएगा।
-र¨वद्र ¨सह कुंडू, एसीपी, ट्रैफिक फरीदाबाद केजीपी पर दुर्घटना घटने का कारण लाइट न जलना नहीं है। कैंटर पंचर होने के बाद स्पीड वाली लेन में खड़ा हुआ था, जबकि चालक को पंचर होने के बाद कैंटर को साइड में लगाना चाहिए था। लाइटें जहां पर खराब हो गई हैं, उन्हें ठीक करा दिया जाएगा।
-केशव कनियान, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ केजीपी