आज भी मतदान केंद्र पर डालता हूं पहला वोट
अपने शहर में ऐसे बहुत से बुजुर्ग हैं जिन्हें पिछले पांच दशकों से वोट डालने का सौभाग्य मिल रहा है। ऐसी ही शख्सियत हैं वर्ष 1962 में तीसरी लोकसभा से वोट डालते आ रहे महेंद्र नागपाल। मूल रूप से औद्योगिक नगरी एनआइटी के निवासी और अब सेक्टर-15 में रह रहे महेंद्र नागपाल श्री शिव मंदिर संस्थान एनआइटी के प्रधान हैं और अन्य कई सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। दैनिक जागरण महेंद्र नागपाल की लंबी उम्र की कामना करता है। उन्होंने दैनिक जागरण संग मतदान से संबंधित यादों को साझा किया।
अपने शहर में ऐसे बहुत से बुजुर्ग हैं, जिन्हें पिछले पांच दशकों से वोट डालने का सौभाग्य मिल रहा है। ऐसी ही शख्सियत हैं वर्ष 1962 में तीसरी लोकसभा से वोट डालते आ रहे महेंद्र नागपाल। मूल रूप से औद्योगिक नगरी एनआइटी के निवासी और अब सेक्टर-15 में रह रहे महेंद्र नागपाल श्री शिव मंदिर संस्थान एनआइटी के प्रधान हैं और अन्य कई सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। दैनिक जागरण महेंद्र नागपाल की लंबी उम्र की कामना करता है। उन्होंने दैनिक जागरण संग मतदान से संबंधित यादों को साझा किया।
मैं उस समय करीब 21 साल का हुआ था। मेरा वोट पहली बार बना था और मन में बड़ा जोश था कि वोट डालने जाना है। सारी रात इसी रोमांच व सोच के साथ बीती कि वोट कैसे दिया जाता है। एक नंबर में सरकारी स्कूल में मतदान केंद्र बना था। सुबह जल्दी उठ गया था और अपने केंद्र पर मतदान के लिए पहुंचने वाले चुनिदा लोगों में से था। बैलेट पेपर मिला और वोट डालने के लिए हाथ में मुहर मिली, तो ठप्पा लगाते हुए एक अलग ही रोमांच महसूस किया। फिर 1967 में चौथी लोकसभा के लिए जब वोट डले, तब तक इतनी समझ हो चुकी थी। वैसे में युवावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में भाग लेता रहा हूं और आपातकाल में जेल भी गया। वर्ष 1967 का चुनाव बेहद रोमांचक था, तब फरीदाबाद गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा था। तब निर्दलीय अब्दुल गनी और कांग्रेस के ज्ञान सिंह और भारतीय जनसंघ के डीपी शास्त्री के बीच रोचक मुकाबला हुआ था। इसमें अब्दुल गनी मात्र 1208 वोट से विजयी हुए थे। मुझे यह कहते कोई संकोच नहीं है, कि मैं अपनी आरएसएस विचारधारा के अनुरूप ही संबंधित उम्मीदवार को वोट दे रहा हूं और एक बार फिर देश की मजबूती के लिए पूरे जोश से मतदान को तैयार हूं। मैं यहां बता दूं कि अब भी मतदान वाले दिन अपने केंद्र पर पहला वोट डालने पहुंचता हूं और भारत माता की जयघोष करते हुए ईवीएम का बटन दबाता हूं।