'बाप' की अनदेखी के कारण पिछड़ा पार्क ग्रेंड्यूरा
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : पार्क ग्रेंड्यूरा सोसाइटी के निवासी बाप (बिल्डर, एडमिनिस्ट्रेशन और
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद : पार्क ग्रेंड्यूरा सोसाइटी के निवासी बाप (बिल्डर, एडमिनिस्ट्रेशन और पॉलीटीशियन) की अनदेखी की वजह से अपने आप को पिछड़ा महसूस कर रहे हैं। बीपीटीपी बिल्डर ने सोसाइटी 14 दिसंबर 2014 को आरडब्ल्यूए को सौंप दिया था, लेकिन बिल्डर ने आईएफएमएस (इंटरेस्ट फ्री मेंटिनेंस सिक्योरिटी) आरडब्ल्यूए को हस्तांरित नहीं किया। बिल्डर ने प्रत्येक निवासी से एक लाख छह हजार रुपये की राशि ली थी और यह रकम साढ़े सात करोड़ रुपये बनती है। यदि यह ब्याज के साथ आरडब्ल्यूए को मिल जाती है, तो सोसायटी के डेवलपमेंट में काफी मदद मिल जाएगी। इसके अलावा आरडब्ल्यूए ने सोसायटी की बि¨ल्डग की रिपेय¨रग के लिए इस्टीमेट बनवाया था। एक बि¨ल्डग की रिपेय¨रग का 20 लाख रुपये इस्टीमेट बनाया था, जबकि बिल्डर कुल 20 लाख रुपये ही मेंटिनेंस के लिए दे रहा था। इसके अलावा एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) क्षमता के हिसाब से कम है। इसके अलावा सीवर के पानी को खुले फेकना पड़ रहा है। यह पानी ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों को बीमार करने के लिए पर्याप्त है।
क्लब हाउस में एकत्रित स्थानीय निवासियों का कहना था पावर बैकअप के नाम पर डीजी सेट लगे हुए हैं, लेकिन गर्मी के दिनों में यह डीजी भी छोटा साबित होने लगता है। ओवरलोड होते ही केबल फॉल्ट होने लगती है और इसे ठीक कराने में निवासियों को एक बार में डेढ़ लाख रुपये के आसपास खर्च करना पड़ता है। वर्तमान में एबीसी केबल लगी हुई है, जबकि एसएलपीई केबल बिजली की बढ़ती खपत के लिए उपयुक्त है। यह केबल 100 किलोवॉट तक के लोड को सहन कर सकती है। क्लब हाउस के नाम पर बिल्डर ने प्रत्येक फ्लैट धारक से 50 हजार रुपये लिए हैं। इसके अलावा क्लब फे¨सग वाले फ्लैट धारकों से बिल्डर ने दो लाख रुपये अतिरिक्त लिए हैं। इसके अलावा करीब 109 निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। निवासियों ने बताया कि सोसाइटी 25 एकड़ में बसी हुई है और बिल्डर सरकार को फुट के हिसाब ईडीसी (एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज) जमा किया है, जबकि बिल्डर ने फ्लैट धारकों से स्कवायर फुट के हिसाब से वसूला है। फुट के हिसाब से ईडीसी पांच करोड़ रुपये बनती है, जबकि स्कवायर फुट के हिसाब से ईडीसी 10 करोड़ रुपये बनती है।
बिल्डर ने कई सारे हिडन चार्ज लगाए हैं, जिससे 30-35 लाख रुपये का फ्लैट 55 लाख रुपये का पड़ा है। सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। जिम का सामान खराब पड़ा था। आरडब्ल्यूए उसे अपने खर्च पर ठीक करा रही है।
-निर्मल कुलश्रेष्ठ, प्रधान आरडब्ल्यूए, पार्क ग्रेंड्यूरा
बीपीटीपी पुल से चार किलो मीटर के दायरे में आठ शराब के ठेके खुल गए हैं। शाम के समय ठेकों के आसपास गाड़ियां ही गाड़ियां दिखाई देती है। यदि इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
-मंजू
बिल्डर ने फायर नॉर्म्स को पूरा नहीं किया गया है। आपातकालीन स्थिति में बचने के लिए रिफ्यूज एरिया होना चाहिए। इसके अलावा बिल्डर ने अभी तक फायर इक्यूप्मेंट को आरडब्ल्यू को नहीं सौंपे हैं और इनकी नियमित जांच भी नहीं होती है।
-हरेंद्र कीना, महासचिव, आरडब्ल्यूए
स्वास्थ्य वर्धक आबोहवा के लिए नहर पार फ्लैट लिया था, लेकिन सीवरेज व्यवस्था नहीं होने से सीवर का खुले में छोड़ा जा रहा है। यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
-कर्नल आरके टंडन(रिटायर्ड), पूर्व प्रधान, आरडब्ल्यूए।