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आइपीएस अमिताभ ढिल्लो ने कसा था एसआरएस ग्रुप पर शिकंजा

एसआरएस का पूरा नाम Þसब रहो साथहै। इसके चेयरमैन अनिल जिदल ने लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये निवेश करा लिए। निवेशकों को लगातार उच्च दर पर ब्याज का भुगतान करता रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 06:18 AM (IST)
आइपीएस अमिताभ ढिल्लो ने कसा 
था एसआरएस ग्रुप पर शिकंजा
आइपीएस अमिताभ ढिल्लो ने कसा था एसआरएस ग्रुप पर शिकंजा

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : एसआरएस का पूरा नाम 'सब रहो साथ' है। इसके चेयरमैन अनिल जिदल ने लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये निवेश करा लिए। निवेशकों को लगातार उच्च दर पर ब्याज का भुगतान करता रहा। लोगों का भरोसा कंपनी पर बढ़ता गया और एक के बाद एक निवेशक जुड़ते चले गए। एक समय ऐसा था जब फरीदाबाद, पलवल, दिल्ली व गुरुग्राम के लोग भी एसआरएस ग्रुप पर आंख मूंदकर विश्वास करते थे। रियल एस्टेट, सिनेमा, ज्वैलरी सहित अन्य कारोबार से जुड़े एसआरएस ग्रुप ऑफ कंपनीज ने साल 2015 से ही निवेशकों को ब्याज देना बंद कर दिया था। अपनी जीवनभर की कमाई लगा चुके निवेशकों की इसके बाद आंखें खुलीं। उनकी तरफ से पुलिस को ग्रुप के खिलाफ लगातार शिकायतें दी जाने लगीं। मगर ग्रुप की साख इतनी बड़ी थी कि पुलिस कोई कदम नहीं उठा पा रही थी। कुछ निवेशकों ने एसआरएस पीड़ित मंच बनाकर ग्रुप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और पुलिस को शिकायतें दीं, पर कोई भी अधिकारी ग्रुप पर हाथ डालने से डर रहा था। दिल्ली के महिपालपुर से हुए थे गिरफ्तार

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आखिरकार वर्ष 2018 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त आइपीएस अमिताभ ढिल्लो ने एसआरएस ग्रुप पर शिकंजा कसना शुरू किया। अमिताभ ढिल्लो ने एसआरएस के खिलाफ मिली सौ से अधिक शिकायतों की जांच कराई। जांच के बाद एसआरएस के चेयरमैन अनिल जिदल व उसके कारोबारी साथियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज होने शुरू हुए। विभिन्न थानों में एक साथ 50 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए। मुकदमे दर्ज होने के बाद अनिल जिदल व उसके साथी फरार हो गए। 5 अप्रैल 2018 को पुलिस ने दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद और भी मुकदमे दर्ज हुए। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आया कि उन्होंने कितने बड़े स्तर पर घोटाला कर रखा है। पुलिस द्वारा दी गई सूचना के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिग की जांच शुरू की। जिसके बाद अब आरोपितों की संपत्ति अटैच की जा सकी है। अमिताभ ढिल्लो इस समय एसटीएफ हरियाणा के चीफ हैं।

मामले की जांच में जुटे पुलिस अधिकारी नाम ना छापने की शर्त पर बताते हैं कि एसआरएस ग्रुप ने लोगों की कितनी रकम हड़पी है, इसका कोई सीधा हिसाब-किताब नहीं। क्योंकि ग्रुप में लोगों ने बड़ी संख्या में दो नंबर की रकम निवेश की थी, वे लोग सामने नहीं आ पाए। यह भी आरोप लगते रहे हैं कि ग्रुप में पैसे निवेश करने वालों में कई राजनीतिज्ञ और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। जिन्होंने अपनी नंबर दो की कमाई को यहां निवेश किया था।


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