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पीएनजी गैस प्लांट में होगा अंतिम संस्कार, शुद्ध रहेगा पर्यावरण

राजधानी दिल्ली में शमशान घाट पर इलेक्ट्रिकल प्रणाली से मृतकों का अंतिम संस्कार होता है। अब इससे भी चार कदम आगे सीएनजी गैस के जरिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने की सुविधा स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में रविवार से शुरू होने वाली है। यह सुविधा उपलब्ध होगी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्वर्गाश्रम अजरौंदा में।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:01 PM (IST)
पीएनजी गैस प्लांट में होगा 
अंतिम संस्कार, शुद्ध रहेगा पर्यावरण
पीएनजी गैस प्लांट में होगा अंतिम संस्कार, शुद्ध रहेगा पर्यावरण

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : राजधानी दिल्ली में शमशान घाट पर इलेक्ट्रिकल प्रणाली से मृतकों का अंतिम संस्कार होता है। अब इससे भी चार कदम आगे पीएनजी गैस के जरिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने की सुविधा स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में रविवार से शुरू होने वाली है। यह सुविधा उपलब्ध होगी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्वर्गाश्रम अजरौंदा में।

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मानव रचना शिक्षण संस्थान के संस्थापक स्व.डॉ.ओम प्रकाश भल्ला की स्मृति में स्थापित डॉ.ओपी भल्ला फाउंडेशन ने पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के उद्देश्य से इस योजना का खाका तैयार किया और अब 16 सितंबर को योजना की शुरुआत प्रदेश के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल करेंगे। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.प्रशांत भल्ला के अनुसार उनके पिता पर्यावरण प्रेमी थे और यह उनका ही सपना था कि स्वर्गाश्रम में ऐसा कुछ हो, जिससे पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने पर जलने वाली कई कुंतल लकड़ियों की बचत हो सके और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। कुछ वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया, पर समाज हित में उनकी इच्छाओं को सिरे चढ़ाने के हमारे प्रयास जारी थे। इसके लिए गुजरात के कुछ शहरों व राजस्थान के कोटा शहर का भ्रमण किया, जहां हमने पीएनजी गैस आधारित अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया देखी। अपने शहर में पीएनजी गैस की उपलब्धता भरपूर है, बस आइडिया को साकार करने में जुट गए।

डॉ.प्रशांत भल्ला के अनुसार अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों के सामने पीएनजी गैस का विकल्प उपलब्ध होगा। सनातन संस्कृति की परंपरा अनुसार सांकेतिक रूप में कुछ लकड़ियां भी जलने के लिए रख सकेंगे। संस्कार के दो घंटे बाद ही अस्थियां भी ली जा सकेंगी। ऐसा करने पर कई मन लकड़ियां जलने से बचेंगी और लकड़ियां नहीं जलेंगी तो प्रदूषण भी कम होगा। गैस प्लांट पर 100 फुट ऊंची चिमनी लगाई है, जो धुआं को अधिकाधिक ऊंचाई तक ले जाएगा। आधुनिक तकनीक वाले कैमरे भी हुए स्थापित

स्वर्गाश्रम पर आधुनिक तकनीक वाले कैमरे भी लगाए गए हैं, इसके जरिए देश-विदेश में बैठे वो लोग जो अपने निकट परिजन की मृत्यु पर फरीदाबाद नहीं आ सकते, वो आइपी एड्रेस लेकर वीडियो के जरिए अपने घर-दफ्तर में बैठे-बैठे ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे।


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