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बाईपास किनारे पेड़ काटने का विरोध, भेजी शिकायत

दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास किनारे हरे-भरे पेड काटने का विरोध तेज हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 05:50 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:50 PM (IST)
बाईपास किनारे पेड़ काटने 
का विरोध, भेजी शिकायत
बाईपास किनारे पेड़ काटने का विरोध, भेजी शिकायत

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास किनारे हरे-भरे पेड़ काटने का विरोध तेज हो गया है। इस बारे में सेव अरावली ट्रस्ट द्वारा शिकायत पर्यावरण मंत्रालय से लेकर मुख्यमंत्री सहित अन्य संबंधित विभागों को दी है। शिकायत में मुख्य रूप से बताया गया है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण गिराने की बजाए पेड़ों को काट रहा है। कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए के महासचिव एएस गुलाटी ने भी पेड़ों की कटाई को लेकर नाराजगी जताई है। दो हजार से अधिक काटे जाएंगे पेड़

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एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास किनारे दो हजार से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा। इसके बाद यहां एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। बाईपास किनारे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और सिचाई विभाग की जमीन है। इसलिए फिलहाल सेक्टर-64-65 से लेकर सेक्टर-2 तक बाईपास किनारे पेड़ों को काटा जा रहा है। सेव अरावली ट्रस्ट से पदाधिकारी कैलास बिधुड़ी ने बताया कि बाईपास किनारे दूसरी ओर काफी जमीन पड़ी है, लेकिन वहां अवैध निर्माण हैं। यदि अधिकारी चाहते तो पेड़ों को काटने से बचाया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके अलावा इन पेड़ों को काटने की एवज में दूसरे पौधे कहां-कहां लगाए जाएंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि अब पेड़ों को ट्रांसप्लांट करना आसान है, इसलिए अधिकारियों को पेड़ों को यहां से कहीं और खाली जगह शिफ्ट करना चाहिए था। एक्सप्रेस-वे के लिए हजारों पेड़ों को अंधाधुंध काटा जा रहा है। यह पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। यह हाल तो तब है जब औद्योगिक नगरी में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ रहा है। सरकार एक ओर तो पौधारोपण अभियान चलाती है और दूसरी ओर पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की बजाए काट रही है। सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के नाम पर पेड़ों की इस तरह बेरहमी से कटाई कर शहर को मरुस्थल बनाने से रोकना होगा।

-एएस गुलाटी, महासचिव, कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए। बाईपास किनारे पेड़ों की कटाई की जा रही है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद इसके दोनों ओर हजारों पौधे लगाए जाएंगे। काटे गए पेड़ों की भरपाई जरूर होगी।

-जोगिराम, कार्यकारी अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।


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