सतर्कता डोज के बिना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं
औद्योगिक जिले में लगभग 41 लाख कोरोनारोधी डोज लगाई जा चुकी है। इसके बाद भी जिला कोरोना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुआ है। कोरोना संक्रमण की चपेट में वह लोग अधिक आ रहे हैं जिन्हें दोनों डोज लगे नौ महीने या उससे अधिक समय हो गया है और वह सतर्कता डोज लगवाने से बच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : औद्योगिक जिले में लगभग 41 लाख कोरोनारोधी डोज लगाई जा चुकी है। इसके बाद भी जिला कोरोना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुआ है। कोरोना संक्रमण की चपेट में वह लोग अधिक आ रहे हैं, जिन्हें दोनों डोज लगे नौ महीने या उससे अधिक समय हो गया है और वह सतर्कता डोज लगवाने से बच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सतर्कता को अति आवश्यक बता चुका है। इसके बाद भी लोग टीकाकरण के आगे नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सभी 50 से अधिक केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहता है।
जिलेवासी इस प्रकार सतर्कता डोज के प्रति उदासीन रहे, तो कोरोना संक्रमण एक बार फिर से उग्र हो सकता है। जिले में अभी एक लाख 15 हजार के करीब ही सतर्कता डोज लगी हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रतिदिन ढाई से तीन हजार सतर्कता डोज लगनी चाहिए। सतर्कता डोज के प्रति लोगों की उदासीनता स्वास्थ्य अधिकारी भी चितित हैं। कुल डोज- 40,91,970
पहली डोज - 21,69,120
दूसरी डोज - 18,07,274
सतर्कता डोज - 1,15,576
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पुरुष - 22,81,870
महिलाएं - 16,93,403
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कोविशील्ड - 33,00,219
कोवैक्सीन - 6,68,870
स्पूतनिक - 37,063
कोर्बेवैक्स - 85,733
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12-14 वर्ष - 85,804
15-17 वर्ष - 1,83,620
18-44 वर्ष - 25,79,784
45-60 वर्ष - 7,42,237
60 वर्ष से अधिक - 4,43,047
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दोनों डोज लगने के बाद व्यक्ति में नौ महीने तक कोरोना के खिलाफ लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता रहती है। इसके बाद सतर्कता डोज लगवाना आवश्यक है। कोरोना पर पूरी तरह से रोकथाम के लिए सतर्कता डोज लगवाना जरूरी है
-डा.विनय गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी