वायरल वीडियो से उजागर हुआ पुलिस का स्याह चेहरा
फरीदाबाद में सोमवार को पुलिसकर्मियों द्वारा महिला की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद विभिन्न समाजसेवियों और राजनीतिक लोगों ने इस घटना की निदा की है। इनका कहना है कि इस वीडियो ने महिला सुरक्षा की बात करने वाली पुलिस का स्याह चेहरा भी उजागर कर दिया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सोमवार को पुलिसकर्मियों द्वारा महिला की बेल्ट से पिटाई का वीडियो वायरल होने से पुलिस की कार्यशैली पर फिर प्रश्न चिन्ह लगा है। विभिन्न समाजसेवियों और राजनीतिक लोगों ने इस घटना की निदा की है। इनका कहना है कि इस वीडियो ने महिला सुरक्षा की बात करने वाली पुलिस का स्याह चेहरा भी उजागर कर दिया है। यह मामला सामने आ गया, इसलिए संज्ञान ले लिया गया। मगर लोगों पर अत्याचार व कानून के उल्लंघन के कितने ही मामले ऐसे हैं जो पर्दे के पीछे होते हैं, कभी सामने नहीं आ पाते। ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की बात भी सभी ने की है।
महिलाओं के प्रति अपराध या किसी मामले में महिलाओं की संलिप्तता होने पर जांच के लिए प्रदेश सरकार ने महिला थाने बनाए हैं। इनका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित व दोस्ताना माहौल उपलब्ध कराना है। इस वीडियो से महिला थानों के औचित्य पर भी सवाल उठ गया है। समाजसेवियों का कहना है कि महिला थानों से भी पहले पुलिसकर्मियों की मानसिकता परिवर्तित करने की जरूरत है। सरकार तो अपना काम बेहतर तरीके से कर रही है। महिलाओं की सहूलियत के लिए पूरे प्रदेश में महिला थाने बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर इसी उद्देश्य से थाने स्थापित किए गए। महिलाओं से केवल महिला पुलिसकर्मी ही पूछताछ कर सकती हैं। इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। यह भी अच्छी बात है कि पुलिस आयुक्त के समक्ष जब यह मामला रखा गया, तो उन्होंने इस पर त्वरित संज्ञान लिया और उचित कार्रवाई की। मैं भी इस घटना की निदा करती हूं।
-रेनू भाटिया, सदस्य, हरियाणा महिला आयोग यह वीडियो पुलिस की खाकी पर दाग लगा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के दावे करने वाली हरियाणा सरकार में, जिस प्रकार खुलेआम महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, उससे साफ होता है बेलगाम अफसरशाही हावी है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए रैपिड एक्शन फोर्स व महिला थाने सब दिखावा है।
-धर्मबीर भड़ाना, आम आदमी पार्टी महिलाओं से पूछताछ व जांच के लिए पूरी नियमावली बनी हुई है। इसका पालन होना चाहिए। पुलिसकर्मियों को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी। इसके लिए समय-समय पर काउंसलिग की जानी चाहिए।
-डॉ.आलोकदीप, प्रदेश उपाध्यक्ष, महिला कल्याण संघ नियम है कि शाम 6 बजे के बाद महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने में भी नहीं बुलाया जा सकता। वीडियो देखने से पता चलता है कि यह रात की है, यानि किसी भी स्तर पर नियमों का पालन नहीं हुआ। लगता है पुलिसकर्मी खुद को कानून से ऊपर समझ रहे हैं, इसलिए पालन नहीं करते।
-संजीव चौधरी, प्रधान, जिला बार एसोसिएशन
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