पर्यावरण के प्रति भी बेहद संवेदनशील थे अटल जी
फरीदाबाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण के प्रति उनकी संवेदनशीलता के लिए याद करते हैं। उनका मानना है कि उनके कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुआ। वे विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बराबर तवज्जो देते थे। सेव अरावली संस्था के संस्थापक जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व का अधिकारियों पर गहराई से होता है। वे नेतृत्व की प्राथमिकताओं अच्छी तरह जान लेते हैं। इसके बाद उन्हीं के अनुरूप कार्य करते हैं। यही कारण है कि उनके
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण के प्रति उनकी संवेदनशीलता के लिए याद करते हैं। उनका मानना है कि उनके कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुआ। वे विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बराबर तवज्जो देते थे।
सेव अरावली संस्था के संस्थापक जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि वे नेतृत्व की प्राथमिकताओं अच्छी तरह जान लेते हैं। इसके बाद उन्हीं के अनुरूप कार्य करते हैं। यही कारण है कि उनके कार्यकाल में देश में कई क्षेत्र ईको-सेंसेटिव जोन घोषित हुए, जोकि बड़ी उपलब्धि है। वे 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। साल 1998 में आगरा स्थित ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए इसके चारों तरफ के क्षेत्र को ताज ट्रेपेजियम जोन घोषित किया गया। 1998 में ही मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के पचमारही क्षेत्र को ईको सेंसटिव जोन घोषित किया गया। यह क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से संपन्न है। साल 2001 में महाराष्ट्र सतारा जिले के पंचगनी हिल स्टेशन को ईको सेंसटिव घोषित किया गया। इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य देखने योग्य है। यह भी प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण क्षेत्र है। साल 2003 में महाराष्ट्र के ही रायगढ़ जिले में स्थित माथेरान पहाड़ी क्षेत्र को ईको सेंसटिव घोषित किया गया। समुद्री तट से इसकी ऊंचाई करीब 800 मीटर है। यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। उनके कार्यकाल के बाद भी कई क्षेत्रों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। जिन पर उन्होंने शुरू करा दिया था। ये सभी क्षेत्र आज भी संरक्षित और ईको सेंसटिव जोन के दायरे में हैं। पर्यावरण प्रेमी विवेक कंबोज ने बताया कि अब अब सरकारें ईको सेंसटिव क्षेत्रों का दायरा कम कराने की कोशिश में रहती हैं, मगर अटल बिहारी वाजपेयी ने कई क्षेत्रों को संरक्षित कराया।
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