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संजय कॉलोनी से दो महीने से लापता तीन नवयुवक अमृतसर में मिले

संजय कॉलोनी से करीब दो महीने पहले लापता तीनों किशोर अमृतसर पंजाब में मिल गए हैं। स्टेट क्राइम ब्रांच के एएसआइ अमर सिंह परिजनों के साथ जाकर उन्हें वापस ले आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:31 AM (IST)
संजय कॉलोनी से दो महीने से लापता तीन नवयुवक अमृतसर में मिले
संजय कॉलोनी से दो महीने से लापता तीन नवयुवक अमृतसर में मिले

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : संजय कॉलोनी से करीब दो महीने पहले लापता तीनों नवयुवक अमृतसर (पंजाब) में मिल गए हैं। स्टेट क्राइम ब्रांच के एएसआइ अमर सिंह परिजनों के साथ जाकर उन्हें वापस ले आए हैं। यहां बाल कल्याण समिति ने बयान दर्ज कर नवयुवकों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया। तीनों वहां स्वर्ण मंदिर में रह रहे थे। वहां वे दिनभर श्रद्धालुओं की सेवा करते और सुबह शाम लंगर खा लेते थे। रात में वहीं कहीं सो जाते।

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नवयुवकों में दो की उम्र 17 जबकि एक की 19 साल है। तीनों एक ही स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। उन्होंने बताया है कि पढ़ाई में जी नहीं लगता था। पढ़ाई से बचने के लिए तीनों एक साथ निकल गए। नवयुवक कोई मोबाइल नहीं लेकर गए थे और उन्होंने परिवार वालों से भी कोई संपर्क नहीं किया था। इस कारण पुलिस को उनकी तलाश नहीं कर पा रही थी। पुलिस आयुक्त केके राव ने नवयुवकों के बारे में सूचना देने वाले को इनाम की घोषणा की थी।

दो महीने से परिजन बेहद परेशान थे। बच्चों को ढूंढने के लिए वे भी दिन-रात एक किए हुए थे। अपने बच्चों को वापस पाकर परिवार के सदस्यों के आंसू निकल आए। इस तरह पहुंची पुलिस :

स्टेट क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआइ अमर सिंह लगातार इनकी तलाश में जुटे हुए थे। एक नवयुवक के भाई ने एएसआइ अमर सिंह को बताया कि किसी डिवाइस से उनकी ईमेल आइडी लॉग-इन हुई है। गूगल की तरफ से इसका मैसेज उनके फोन पर आया था। अमर सिंह ने एक्सपर्ट से मैसेज की पड़ताल कराकर ईमेल लॉग-इन करने वाले डिवाइस के मालिक का पता किया। उसका एड्रेस अमृतसर स्वर्ण मंदिर के पास मिला।

एएसआइ अमर सिंह नवयुवकों के परिजनों और अपनी टीम को साथ लेकर अमृतसर पहुंचे। वहां पता चला कि जिससे ईमेल लॉग-इन हुई, वह वाई-फाई डिवाइस है। तब टीम ने स्वर्ण मंदिर में नवयुवकों की तलाश की, तीनों वहीं मिल गए। उनमें से एक नवयुवक ने मोबाइल लिया था, मगर पकड़े जाने के डर से उसमें सिम नहीं डाली। मोबाइल को मंदिर के पास वाई-फाई से कनेक्ट कर लिया।

मोबाइल में इंटरनेट चलाने के लिए किसी ईमेल आइडी की जरूरत थी। नवयुवक को अपने भाई की ईमेल और पासवर्ड याद था, ऐसे में उसे ही डाल दिया। ईमेल पर लॉग-इन करते ही मैसेज उसके भाई के पास चला गया। इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस आयुक्त केके राव एएसआइ अमर सिंह को सम्मानित करेंगे।


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