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मातम में बदल गई लोहड़ी की खुशियां

गुरुग्राम रोड पर रविवार रात सड़क हादसे में जान गवाने वाले कार सवार अभयजीत सिंह रतड़ा गुरु घर के सच्चे सेवादार और हर नगर कीर्तन में रुहानी कीर्तनी जत्थे में शबद गायन के लिए हमेशा आगे रहने वाले युवाओं में से थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 06:12 AM (IST)
मातम में बदल गई लोहड़ी की खुशियां
मातम में बदल गई लोहड़ी की खुशियां

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : गुरुग्राम रोड पर रविवार रात सड़क हादसे में जान गंवाने वाले कार सवार अभयजीत सिंह रतड़ा गुरु घर के सच्चे सेवादार और हर नगर कीर्तन में रुहानी कीर्तनी जत्थे में शबद गायन के लिए हमेशा आगे रहने वाले युवाओं में से थे। अभयजीत सिंह प्रख्यात स्वीट्स कंपनी ओम स्वीट्स के आउटलेट पर फरीदाबाद में ही पिछले साल तक कार्यरत थे, पर बीते नवंबर माह में ही प्रमोशन हुआ था और गुरुग्राम में उन्हें स्टोर प्रबंधक की जिम्मेदारी दी गई थी। जिम्मेदारी बढ़ने और रात के समय उनके घर आने के चलते पिता ने मोटर साइकिल की बजाय कार दिला दी थी, पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।

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बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के और मिलनसार स्वभाव के कारण ही सोमवार को शहर का हर वो शख्स अभयजीत सिंह के अंतिम संस्कार में सेक्टर-22 स्थित स्वर्गाश्रम पहुंचा, जिनकी थोड़ी बहुत भी रतड़ा परिवार के साथ जानकारी थी।

यह भी अजब बात के अभयजीत सिंह की मौत सहित पिछले दो सालों में इसी माह रतड़ा परिवार में दो मौत और हुई। पिछले वर्ष छह जनवरी को अभयजीत सिंह के पिता बृज मोहन सिंह रतड़ा की तब मौत हुई थी, जब वो गुरुद्वारे में शबद कीर्तन में भाग लेने के बाद घर लौटे थे और उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। इसी तरह से वर्ष 2018 में जनवरी माह में ही अभय सिंह की दादी सुमित्रा देवी का निधन हुआ था।

रविवार रात जल्दी निकले थे अभयजीत सिंह

गुरुग्राम में ओम स्वीट्स पर कार्यरत अभयजीत सिंह आम तौर पर रात्रि नौ बजे ही आउटलेट से निकलते थे और करीब दस बजे तक घर पहुंच जाते थे। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार परिवार में एक लोहड़ी उत्सव था। घर पर लोहड़ी पर्व के मालपुए बन रहे थे और आवश्यक तैयारियों के लिए अभयजीत सिंह रविवार शाम को अपने सीनियर से छुट्टी लेकर अन्य दिनों की अपेक्षा जल्दी निकले, पर घर पहुंच कर लोहड़ी की खुशियों में शामिल होते, उसकी बजाय सड़क दुर्घटना में अभयजीत सिंह की मौत की खबर आ गई। लगभग 35 वर्षीय अभयजीत सिंह की माता के अलावा छोटा भाई, पत्नी प्रभजोत कौर, नौ वर्षीय बेटी गुरनूर कौर और सात वर्षीय बेटा गनीव सिंह है।

अंतिम संस्कार के समय विधायक सीमा त्रिखा, पार्षद जसवंत सिंह सहित शहर की विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक और अन्य धार्मिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे और सभी की आंखें नम थी।


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