आधार केंद्र में अब टोकन से मिलेगा प्रवेश
लघु सचिवालय के भूतल पर बने आधार केंद्र पर कई साल बाद अब दलालों का पूरी तरह से पत्ता साफ होता हुआ दिखाई दे रहा है। जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने पदभार संभालते ही इस व्यवस्था में सुधार के संकेत दिए थे।
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : लघु सचिवालय के भूतल पर बने आधार केंद्र पर कई साल बाद अब दलालों का पूरी तरह से पत्ता साफ होता हुआ दिखाई दे रहा है। जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने पदभार संभालते ही इस व्यवस्था में सुधार के संकेत दिए थे। उनके आदेश पर अब यहां व्यवस्था में बड़े स्तर पर सुधार किया जा रहा है।
अब आधार केंद्र के अंदर काम कराने वालों के लिए टोकन सिस्टम शुरू कर दिया है। केवल टोकन वाला शख्स ही अंदर काम कराने जा सकेगा, वह भी सुरक्षाकर्मी को बताएगा कि क्या कराने जा रहा है। उसके दस्तावेजों की पूरी जांच भी बाहर ही की जाएगी। यदि काम होने लायक होगा तो ही शख्स को अंदर जाने दिया जाएगा।
बता दें, दैनिक जागरण समय-समय पर आधार केंद्र के अंदर दलाल सक्रिय होने के संबंध में समाचार प्रकाशित करता रहा है। हालांकि पूर्व में तत्कालीन उपायुक्त अतुल द्विवेदी ने भी कई कदम उठाए, पर व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका। 500 से 1200 रुपये तक वसूलते थे दलाल
लघु सचिवालय के भूतल पर बने आधार केंद्र पर रोजाना 500 से अधिक लोग आधार कार्ड बनवाने और इसमें गलतियां ठीक कराने आते हैं। इस वजह से यहां रोज लंबी लाइनें लगती है। लाइनों का सीधा फायदा दलाल उठा रहे थे। यह लोगों को लंबी लाइनें दिखाकर 500 से 1200 रुपये तक वसूलते थे। पूर्व कांग्रेसी विधायक ललित नागर के फर्जी लेटरहेड से आधार कार्ड बनाने का भी खुलासा इसी केंद्र पर हुआ था। उस समय कई दलाल पकड़े गए थे, इनके खिलाफ सेंट्रल थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसके बावजूद हालात नहीं सुधरे थे। अब कर रहे व्यवस्था में सुधार
आधार केंद्र के अंदर टोकन देने वाली मशीन लगा दी गई है। यह एक-दो दिन में काम शुरू कर देगी। फिलहाल हाथ से लिखी पर्ची देकर लोगों को अंदर आने दिया जा रहा है। साथ ही अंदर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और गर्मी के मौसम को देखते हुए एसी भी लगेंगे। लोगों की सुविधा के लिए अंदर बेंच लगाए जाएंगे ताकि टोकन की बारी का इंतजार खड़े होकर न करना पड़े। भीड़ को देखते हुए ऑपरेटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अंदर-बाहर ऐसे जानकारी वाले बोर्ड लगेंगे, जिसमें बताया जाएगा कि आधार कार्ड बनाने व शुद्धि के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए। टोकन लेने वाला व्यक्ति ही केंद्र के अंदर जाएगा। बाहर एक महिलाकर्मी और अंदर एक पुरुष कर्मी को नियुक्त कर दिया है। महिला लोगों के दस्तावेज चेक करेगी और अंदर वाला युवक टोकन देगा। केवल काम कराने वाला शख्स ही अंदर जाएगा। टोकन भीड़ के हिसाब से बांटे जाएंगे। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
-मुनीश बाबू गुप्ता, जिला सूचना अधिकारी।