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लाचार हैं शासन-प्रशासन

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जलभराव से निपटने की प्री-मानसून तैयारी न होने के कारण सभी प्रशासनिक विभा

By Edited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 07:13 PM (IST)
लाचार हैं शासन-प्रशासन

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जलभराव से निपटने की प्री-मानसून तैयारी न होने के कारण सभी प्रशासनिक विभाग अब भारी बरसात के दौरान लाचार नजर आ रहे हैं। एनएचआइ की ओर से एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर गड्ढे नहीं भरवाए तो नगर निगम ने मानसून से पहले नालों की सफाई नहीं करवाई। नतीजन पूरा शहर जलभराव से बेहाल हो गया है। जलभराव और जाम से परेशान लोग बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों को कोस रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने मानसून में फेल होने वाले विभागों की पड़ताल शुरू कर दी है। उन समस्याओं को भी उजागर किया जाएगा, जो लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई हैं।

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मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी नहीं जागा प्रशासन :

मौसम विभाग ने मानसून को लेकर पहले ही भारी बरसात की चेतावनी जारी कर दी थी। इसके बावजूद भी प्रशासन और निगम अनजान बने रहे। मानसून से निपटने के लिए किसी तरह की तैयारी नजर नहीं आई। बृहस्पतिवार से शुरू हुई बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब जाम से निजात दिलाने के लिए प्रशासन के सभी प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। हाइवे पर एक किलोमीटर के भीतर ही कई गड्ढे हो गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी हाइवे पर निकलते तो जरूर है, लेकिन इन गड्ढों की तरफ उनका ध्यान नहीं जाता। बरसात में यह गड्ढे ही जाम का कारण बनते हैं।

कावड़ियों को भी उठानी होगी परेशानी :

एनएच पर प्रतिदिन बन रही जाम की बदतर से स्थिति से कावड़ियों को भी गुजरना होगा। क्योंकि प्रशासन की ओर से इनके लिए हाइवे पर किसी तरह की व्यवस्था नहीं की है। हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा था कावड़ियों को एनएच से निकालने के लिए बेहतर इंतजाम किया गया है। सड़कों पर होमगार्ड उतराकर ट्रैफिक पूरी तरह से व्यवस्थित करने का दावा किया जा रहा था, लेकिन वर्तमान हालात देखकर पुलिस प्रशासन की सभी व्यवस्थाएं फेल नजर आती है।

अंदरूनी की सड़कें हुई जलमग्न:

प्री मानसून से पहले नगर निगम ने नालों की सफाई नहीं कराई। कॉलोनियों से गुजरने वाले अधिकतर नाले कूड़े से भरे हुए हैं, जिसके कारण नालों का पानी आगे बहकर नहीं जा रहा है। हालात यह है कि हल्की बरसात आने से ही नाले ओवरफ्लो हो जाते है। नालों का पानी सड़कों पर आ जाता है सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो जाती हैं। नालों के ओवरफ्लो होने से सड़कों पर पानी का उफान सा आ गया है। निगम की ओर से दावा किया जा रहा था कि बरसात खत्म होते ही पंप के सहारे सड़कों से पानी निकाल दिया जाएगा, लेकिन बरसात के बाद 24 घंटे बाद भी सड़कें जलमग्न नजर आ रही है।

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जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए बकायदा कंट्रोल रूम बनाया गया है। निगम की पूरी टीम जलभराव से निपटने में लगी हुई है। अगर कोई अधिकारी जलभराव से निपटने में लापरवाही दिखाता है उसको निलंबित भी किया जा सकता है।

-डॉ. आदित्य दहिया, आयुक्त नगर निगम।

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बदरपुर बॉर्डर पर हाइवे का पानी निकालने के लिए पंप लगवाए गए हैं। कुछ जगहों पर ही पानी भरा हुआ है, जिसको निकालने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। रिलायंस को हाइवे के गड्ढों को भरने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन मानसून शुरू होने के बावजूद उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

-धीरज कुमार, कार्यकारी अभियंता, एनएचआइ।


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