भूकंप के झटकों से सहमे शहरवासी
जोड़ भी भेजा जा रहा है।
- भूकंप का अहसास होते ही घरों व दफ्तरों से निकल आए बाहर
जागरण संवाद केंद्र, फरीदाबाद : सोमवार शाम को आए भूकंप के झटको से शहरवासी सहम गए। भूकंप का अहसास होते ही लोग अपने घरों व कार्यालयों से बाहर आ गए। सब कुछ सामान्य होने के बाद ही उन्होंने राहत की सांस ली। इस दौरान किसी प्रकार की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है।
शाम को करीब सवा चार बजे अचानक लोगों को सब कुछ हिलता हुआ सा लगा। समझते देर नहीं लगी कि भूकंप के झटके लग रहे हैं। भूकंप का अहसास होते ही लोग अपने सभी काम छोड़ कर घर व कार्यालयों से बाहर आ गए। भूकंप आने से हर तरफ हल्ला मच गया। भूकंप के झटके करीब पांच से सात सेकेंड तक महसूस किए गए। उसके बाद सब कुछ सामान्य हो गया। स्थिति सामान्य होने के बाद लोगों ने अपने जानकारों को फोन कर उनकी कुशलक्षेम पूछनी शुरू कर दी। सेक्टरों व ग्रेटर फरीदाबाद में बनी हाइ राइज बिल्डिंगों में तो लोगों को और ज्यादा डर सता रहा था।
ऐसे में काफी देर तक वापस अपने घरों में नहीं गए और बाहर ही टहलते रहे। एनआइटी एक निवासी संजय, अंशुल, दीपक मल्होत्रा, नवीन, क्षितिज व एनआइटी पांच निवासी हितेश ने बताया कि वे अपने-अपने कामों पर थे, अचानक उन्हें कार्यालय में मेज-कुर्सी व अन्य सामान हिलता हुआ सा महसूस हुआ। ऐसे में बिना कुछ देर लगाए वे अपने कार्यालय से बाहर आ गए। उन्होंने अपने घर फोन कर सभी को भूकंप के बारे में बताया तो वहां भी सभी इसी से डरे हुए थे। फोन पर परिवारजनों की कुशलक्षेम जानने के बाद ही उन्हें चैन मिला। देर शाम तक कहीं से भी किसी प्रकार की किसी हानि की सूचना नहीं थी।
संवेदनशीलता के लिहाज से जोन चार में आता है फरीदाबाद
अरावली की तलहटी में बसा होने के कारण फरीदाबाद भूकंप के लिहाज से जोन चार में आता है। भू वैज्ञानिकों के अनुसार अरावली में हो रहे अंधाधुंध खनन, तेजी से हो रहे भूजल दोहन व पेड़ों की कटाई के कारण फरीदाबाद भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है। ऐसे में भूकंप के मद्देनजर हमें काफी सतर्क रहने की जरूरत है।
आपदा प्रबंधन में है फिसड्डी
भूकंप सहित किसी प्रकार की आपदा से निबटने के लिए जिला प्रशासन बिल्कुल तैयार नहीं है। ग्रेटर फरीदाबाद में विकसित होती हाइराइज बिल्डिंग का ही उदाहरण लें तो वहां किसी प्रकार का अग्निकांड होने की स्थिति में अग्निशमन विभाग के पास उस पर काबू पाने के लिए 30 मीटर से ऊंची सीढ़ी नहीं है। इसी तरह भूकंप की स्थिति में यदि भवनों के नीचे लोग दबे हों तो उन्हें मलबे में से निकालने के लिए प्रशासन के पास किसी तरह का कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है और न ही उन्हें मलबे में से निकालने के लिए कोई संसाधन मौजूद हैं। ऐसे में यदि कोई आपदा आती है तो उसने निबटने के लिए प्रशासन कितना तैयार है, इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है।
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