तीन साल की बच्ची से दरिंदगी करने वाले को सजा-ए-मौत
रोहतक में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के आरोपी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस घृणित अपराध में उसका साथ देने वाले को चार साल कैद की सजा सुनाई गई है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। तीन साल की बच्ची के साथ हैवानियत करने वाले दोषी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। उसने बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। मुख्य आरोपी का सहयोग करने वाले दूसरे आरोपी को चार साल की कैद सुनाई गई है। मुख्य आराेपी को 50 हजार रुपये और उसके सहयोगी को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
दोनों को सजा महिला के खिलाफ अपराध की विशेष अदालत की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीमा सिंहल ने शुक्रवार को सुनाई। आरोपी ने शहर के सेक्टर 14 में रहने वाले एक परिवार की तीन साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी।
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झारखंड के जिला रांची के थाना काररा गांव जालाडुमोर निवासी एक परिवार रोहतक के सेक्टर-14 की ऑफिसर कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान में रहता था। इसी मकान में दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र के पपरावट का रहने वाला संदीप भी मजदूरी करता था। इसके साथ दिल्ली के नरेला का रहने वाला नरेंद्र भी काम करता था।
11 सितंबर 2013 की सुबह बच्ची के माता-पिता मजदूरी करने चले गए। शाम को पांच बजे जब वे लौटे तो बच्ची घर से गायब मिली। काफी तलाश करने के बाद बच्ची नहीं मिली। 12 सितंबर 2013 की दोपहर में निर्माणाधीन मकान में एक दीवार के पास बच्ची का शव मिला। उसके शरीर पर चोट के निशान थे।
पीडि़त परिवार की तरफ से संदीप पर शक जताया गया था। पुलिस पूछताछ में संदीप ने दुष्कर्म के बाद हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने संदीप की मदद करने वाले नरेंद्र को भी पकड़कर जेल भेजा था। नरेंद्र को कुछ माह के बाद जमानत मिल गई थी। संदीप अब भी जेल में ही है।
किस धारा में क्या हुई सजा
मुख्य आरोपी संदीप
भादसं की धारा 302 : फांसी की सजा व 50 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर दो माह की कैद।
छह पोक्सो एक्ट : उम्रकैद की सजा व 50 हजार का जुर्माने की सजा। जुर्माना नहीं देने पर दो माह कैद।
भादसं की धारा 363 : पांच साल की सजा व दस हजार रूपये का जुर्माने की सजा। जुर्माना न देने पर एक माह की कैद।
आरोपी नरेंद्र
भादसं की धारा 212 : चार साल की कैद और दस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 15 दिन की अतिरक्त कैद।