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शहीद मदन लाल धींगड़ा के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें युवा : डा. यशवीर

जागरण संवाददाता चरखी दादरी दादरी के जनता पीजी कालेज के इतिहास विभाग की ओर से आजादी क

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 08:26 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 08:26 PM (IST)
शहीद मदन लाल धींगड़ा के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें युवा : डा. यशवीर
शहीद मदन लाल धींगड़ा के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें युवा : डा. यशवीर

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी के जनता पीजी कालेज के इतिहास विभाग की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत मंगलवार को शहीद मदन लाल धींगड़ा की पुण्यतिथि पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। विभाग के प्रभारी प्रो. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य व इतिहासकार डा. यशवीर सिंह ने विद्यार्थियों को आनलाइन संबोधित किया। डा. यशवीर सिंह ने मदन लाल धींगड़ा के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अमृतसर के एक संभ्रांत परिवार में जन्म लेकर लाहौर से शिक्षा प्राप्त कर मदन लाल धींगड़ा इंजीनियरिग की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। वहां उनका संपर्क प्रसिद्ध क्रांतिकारी वीर सावरकर व श्यामजी कृष्ण वर्मा से हुआ जो उन दिनों 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की 50वीं वर्षगांठ मना रहे थे। मदन लाल धींगड़ा लंदन में इंडिया हाउस में रहने लगे तथा वहीं क्रांतिकारी गतिविधियों पर विस्तृत रूप से क्रांतिकारियों से चर्चा करने लगे। उन्होंने एक अंग्रेज अधिकारी कर्जन वायली की गोली मारकर हत्या कर दी तथा इसी कारण उन पर मुकदमा चला। जिसके चलते अंग्रेज सरकार ने आज ही के दिन लंदन में जेल में उन्हें फांसी पर लटका दिया। डा. यशवीर सिंह ने उनकी शहादत पर चर्चा करते हुए बताया कि वह एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने बड़े आराम से फांसी का फंदा चूम लिया तथा वंदे मातरम व श्रीमद्भागवत गीता हाथ में लेकर वे भारत माता के लिए शहीद हो गए। उनकी अंतिम स्टेटमेंट को अंग्रेजी सरकार ने प्रकाशित नहीं होने दिया। लेकिन वीर सावरकर के प्रयासों से कोर्ट में दिया गया अंतिम वक्तव्य प्रकाशित हुआ। उनकी इस शहादत पर उस समय के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों लाला हरदयाल, सरदार भगत सिंह, श्यामजी कृष्ण वर्मा और यहां तक कि बाद में बनने वाले इंग्लैंड के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल ने बड़े-बड़े वक्तव्य लिखे। कार्यक्रम में इतिहास विभाग के प्रो. तरसेम भारद्वाज ने कहा कि इंडिया हाउस में जो गतिविधियां श्यामजी कृष्ण वर्मा एवं वीर सावरकर के नेतृत्व में मदन लाल धींगड़ा ने चलाई उस सारे साहित्य को यदि युवा पढ़ें तो निश्चित रूप से उनके सामने एक आदर्श स्थापित होगा।

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