हाईटेक बनेगी वाटर टेस्टिग लैब, जनस्वास्थ्य विभाग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंगवाए उपकरण
दादरी के जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में स्थित जिला वाटर टेस्टिग
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी के जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में स्थित जिला वाटर टेस्टिग लैब जल्द ही हाईटेक होने जा रही है। लैब को हाईटेक बनाने के लिए कई प्रकार के अंतरराष्ट्रीय स्तर के नए उपकरण लैब में मंगवाए जा रहे हैं। नए उपकरण लगने के बाद लैब को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फार टेस्टिग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रिज, एनएबीएल द्वारा मान्यता दिलवाई जाएगी। जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब साढ़े 9 लाख रुपये की लागत से उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके लिए टेंडर आज खुलेगा। वाटर टेस्टिग लैब में नए उपकरण आने से पेयजल व सीवरेज के पानी के टेस्ट का दायरा बढ़ने के साथ ही सैंपल की रिपोर्ट भी सटीक आएगी। उल्लेखनीय है कि दादरी स्थित जिला वाटर टेस्टिग लैब में अभी तक हॉट एयर ओवन, बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड इंक्यूबेटर इत्यादि उपकरण हैं। इन उपकरणों के माध्यम से पानी में जीवाणुतत्व, रसायन के अलावा पानी की हार्डनेस, टीडीएस, क्लोराइड, फ्लोराइड, पीएच इत्यादि की जांच की जाती है। 9.57 लाख से खरीदे जाएंगे उपकरण
जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा वाटर टेस्टिग लैब को और अधिक सु²ढ़ बनाने के लिए 9 लाख 57 हजार रुपये की लागत से उपकरण खरीदे तथा लैब में लगवाए जाएंगे। जिसमें मुख्य रूप से जार परीक्षण उपकरण, लेमिनर एयर फ्लो चेंबर, हॉट एयर ओवन, बेंच टॉप पीएच टेस्टर, बेंच टॉप टीडीएस मीटर, बेंच टॉप टर्बिडिटी मीटर, डिजोल्वड आक्सीजन मीटर, कालोनी काउंटर इत्यादि शामिल हैं। जिसके बाद पानी में टर्बिडिटी, पीएच मान, टीडीएस, टोटल हार्डनेस, अमोनिया, क्लोराइड, फ्लोराइड, आयरन, नाइट्रेट, सल्फेट, जिक, सेलेनियम, लेड, कॉपर, क्रोमियम, कैडमियम इत्यादि की जांच भी यहीं पर हो सकेगी। एनएबीएल से ली जाएगी मान्यता
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में प्रदेश के सभी जिलों में बहुउद्देशीय परीक्षण सुविधा के लिए एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए तथा टेस्ट का दायरा बढ़ाने के लिए दादरी जिले में स्थित वाटर टेस्टिग लैब को अपग्रेड कर एनएबीएल से मान्यता लेने की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। दो दिन में आती है रिपोर्ट
दादरी में स्थित लैब में यदि कोई व्यक्ति पानी की जांच करवाना चाहता है तो उसे 250 रुपये शुल्क ऑनलाइन अदा करना पड़ता है। जिसके बाद पानी के सैंपल लेकर जांच की जाती है। दो दिन में सैंपल की रिपोर्ट आ जाती है। फिलहाल लैब में मिलने वाली रिपोर्ट पर कई बार लोगों को विश्वास नहीं होता। इस स्थिति में लोगों को दूसरी लैबों में जाना पड़ता है। लेकिन एनएबीएल द्वारा मान्यता मिलने के बाद लैब से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट पूरी तरह विश्वसनीय होगी। सटिक आएगी रिपोर्ट : डा. सुधीर
दादरी की वाटर टेस्टिग लैब में तैनात रसायन वैज्ञानिक डा. सुधीर चौधरी ने बताया कि लैब को एनएबीएल से मान्यता दिलवाने के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लैब में नए उपकरण आने के बाद ही एनएबीएल से मान्यता लेने के लिए आवेदन किया जाएगा। लैब अपग्रेड होने के बाद पेयजल, एसटीपी के पानी के कई प्रकार के टेस्ट हो सकेंगे और रिपोर्ट भी पूरी तरह सटीक आएगी।