सीबीएलयू के समाज कार्य विभाग का जल संरक्षण जागरूकता अभियान कल से
जागरण संवाददाता भिवानी चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा सस्टेनेबल कंजप्श
जागरण संवाददाता, भिवानी : चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा सस्टेनेबल कंजप्शन कैंपेन के तहत जल संरक्षण के लिए पोस्टर के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी समुदाय को जागरूक किया जाएगा। सभी स्थानों पर जागरूकता अभियान को 06 अगस्त प्रात: 9:00 बजे शुरू किया जाएगा। समाज कार्य विभाग के वॉलंटियर इस अभियान में अपनी मुख्य भूमिका निभाएंगे। जल संरक्षण जागरूकता अभियान को गावं दिनोद, बापोड़ा , धिराना कलां, खरब्ला, सिघानी, सागवान, तिगड़ाना, खोरड़ा, चहड कलां, के साथ-साथ हिसार और भिवानी शहर में भी चलाया जाएगा। जल संरक्षण जागरूकता अभियान के लिए सभी स्वैच्छिक कार्यकर्ता अपने आवासीय स्थान के आस पास के क्षेत्रों में पोस्टर बनाकर समुदाय के लोगो को जागरूक करेंगे। इस कार्यक्रम का नेतृत्व समाज कार्य विभाग की सहायक प्रो. प्रियंका वैद द्वारा किया जाएगा। यह अभियान सहायक प्रो .जितेंद्र कुमार, मूलराज, डा. गीतिका मल्होत्रा के सहयोग से चलाया जाएगा। इस अभियान के विषय में वाणिज्य एवं प्रबन्धन संकाय के डीन व समाज कार्य विभाग के इंचार्ज प्रो.विकास कुमार ने बताया कि इस तरह के जागरूकता अभियान से लोगों में जल संरक्षण को लेकर रुचि बढ़ेगी और भविष्य में इससे संबंधित समस्याओं का निदान किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्व विद्यालय समाजिक सरोकार के मुद्दे पर समाज में बेहतर योगदान देने के लिए प्रयासरत है और जल संरक्षण पर यह मुहिम कुलपति प्रो.आर.के मित्तल के दिशा निर्देश पर भिवानी के आस पास के इलाकों में चलाई जा रही है। इस जागरूकता अभियान के तहत समाज कार्य विभाग के वालंटियर अपने स्तर पर अपने अपने गांव में गांव वासियों को जल संरक्षण अभियान के तहत जागरूक करेंगे। इस अभियान के तहत लोगों को जल बचाओ और भविष्य में जल संकट को देखते हुए सभी को जागृत किया जाएगा । आज के इस वर्तमान समय में भिवानी शहर के आसपास आज भी पीने के पानी की किल्लत है।आज भी शहर में पीने का पानी पैसे से खरीदा जाता है। ऐसे घोर जल संकट को देखते हुए अभी से लोगों को जागरूक करने के लिए इस जल संरक्षण जागरूकता अभियान का आयोजन किया जा रहा है ताकि अपने आसपास समाज और शहर वासियों को जल संरक्षण के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा सके और आने वाली पीढि़यों को पीने योग्य पानी दिया जा सके ।