तड़फते रहे दो घायल, पीएचसी में नहीं मिला उपचार, ग्रामीणों ने की एंबुलेंस, चिकित्सकों की मांग
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : बाढड़ा कस्बे के झोझू रोड पर बृहस्पतिवार दोपहर बाद घटित हु
संवाद सहयोगी, बाढड़ा :
बाढड़ा कस्बे के झोझू रोड पर बृहस्पतिवार दोपहर बाद घटित हुई सड़क दुर्घटना ने स्वास्थ्य विभाग की सभी पुख्ता दावों की पोल खोल दी। सड़क पर लावारिश हालत में घायल मिले एक बुजुर्ग और एक युवा को जब राहगीर बाढड़ा पीएचसी में लेकर पहुंचे तो वहां पर मरहम पट्टी या चिकित्सक का मिलना तो दूर कोई कर्मचारी ही नजर नहीं आया। आलम यह रहा कि घायल दस मिनट तक पिकअप वाहन में ही तड़पते रहे। स्वास्थ्य केन्द्र पर एंबुलेंस या अन्य सुविधा न मिलने पर क्षुब्ध ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए जल्द ही सुविधाएं मुहैया न करवाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
गांव झोझूकलां निवासी अनुज व बुजुर्ग ओमप्रकाश बृहस्पतिवार दोपहर बाद मोटरसाइकिल पर बाढड़ा की तरफ आ रहे थे। ज्यों ही गांव जेवली के पास पहुंचे तो तेज गति से आ रही एक गाड़ी ने उनको तेज टक्कर मार दी। जिससे वे दोनों गिर गए और उनके पैर, हाथ व सिर में गंभीर चोटें आई। गाड़ी की टक्कर इतनी तेज थी कि खेतों में काम कर रहे किसान भी एकदम चौंक गए और हादसे को देख तुरंत मौके पर पहुंचे। यहां से गुजर रहे बजरंग बाढड़ा, नवीन श्योराण, राजकुमार जेवली, मनोज जेवली ने वाहन को रोक लिया और सड़क के बीचों बीच पड़े दोनों घायलों को लेकर बाढड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। लेकिन उनको वहां पर कोई स्वास्थ्य कर्मी नजर नहीं आया। इसपर दोनों घायल दस मिनट तक तो पिकअप वाहन में तड़पते रहे। जिनको बाद में युवाओं ने स्वयं उतार कर मरहम पट्टी की और दस से पंद्रह मिनट बाद पहुंची महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने घायलों के उपचार में रुचि दिखाने की बजाए उनके साथ आए ग्रामीणों से बहस करने लगी। चिकित्सक न होने पर उच्चाधिकारियों से बात करने की नसीहत भी दी।
ग्रामीणों ने ढिगावा मंडी से एंबुलेंस बुला कर दोनों घायलों को दादरी भिजवाया जहां उनकी हालत ¨चताजनक बताई जा रही है। ग्रामीणों ने दादरी के सीएमओ से दूरभाष पर संपर्क किया तो उन्होंने चिकित्सकों की कमी का हवाला देते हुए उनको दादरी लेकर आने को कहा। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए जल्द ही चिकित्सकों की तैनाती व एंबुलेंस सुविधा ने देने पर बेमियादी आंदोलन की चेतावनी दी। पिछले माह भी हुई थी दो घायलों की मौत
सीएचसी गोपी के अलावा बाढड़ा, हड़ौदी, कादमा सहित अनेक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों व एंबुलेंस सुविधाओं की कमी के कारण क्षेत्र के लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। पिछले माह गांव कादमा के पास इसी तरह हुई सड़क दुर्घटना में दो की मौत के बाद वहां के ग्रामीणों ने जिला पार्षद नरेश गोयल की अगुवाई में बेमियादी अनशन शुरू कर दिया था। आखिरकार विभाग को वहां पर चिकित्सक की अस्थाई तैनाती करनी पड़ी। आज घटित हुई सड़क दुर्घटना में अगर कुछ युवक समय पर सजगता नहीं बरतते तो और भी बड़ा हादसा हो सकता था। मौजूदा समय में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र केवल जन्म मृत्यु पंजीकरण तक ही सिमटते जा रहे हैं। सरकार कर रही है अनदेखी: सांगवान
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझ कर दादरी व बाढड़ा क्षेत्र के साथ उपेक्षा बरत रही है। दादरी के अस्पताल में कई गंभीर रोगों के वरिष्ठ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्र में तो और भी बुरा हाल है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दादरी आगमन पर दस सूत्रीय मांग पत्र भी दिया था। जिस पर उन्होंने जल्द ही सुविधाएं देने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है। सरकार खरीद रही है नई एंबुलेंस
भाजपा विधायक सुख¨वद्र मांढ़ी ने कहा कि बाढड़ा व दादरी क्षेत्र में चिकित्सकों के रिक्त पदों पर नियुक्त और अन्य समस्याओं को लेकर उन्होंने सीएम व स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की है। दादरी के अस्पताल में मौजूदा सुविधाओं को दोगुना करने के लिए पत्र भी जारी किया जा चुका है। नई एंबुलेंस खरीद का कार्य चल रहा है।