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पाइप लाइन मामले को लेकर डीसी से मिले टिकान कलां के किसान

जागरण संवाददाता चरखी दादरी जिले के 18 गांवों से होकर निकलने वाले नेशनल हाईवे से गांव टिकाल कलां के किसान भी प्रभावित हैं। किसान नेशनल हाईवे के निर्माण से उनकी पहले से बिछाई गई लाइनें खराब हो रही है व उन्हें दोबारा से लाइन बिछाने के लिए कम स्थान दिया जा रहा है। जिससे उन्हें परेशानियां उठानी पड़ी रही है। भविष्य में उनके खेतों का सिचाई कार्य प्रभावित होगा। इसी को लेकर इससे प्रभावित किसानों ने सोमवार को दादरी उपायुक्त शिव प्रसाद को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:19 AM (IST)
पाइप लाइन मामले को लेकर डीसी से मिले टिकान कलां के किसान
पाइप लाइन मामले को लेकर डीसी से मिले टिकान कलां के किसान

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : जिले के 18 गांवों से होकर निकलने वाले नेशनल हाईवे से गांव टिकाल कलां के किसान भी प्रभावित हैं। किसान नेशनल हाईवे के निर्माण से उनकी पहले से बिछाई गई लाइनें खराब हो रही है व उन्हें दोबारा से लाइन बिछाने के लिए कम स्थान दिया जा रहा है। जिससे उन्हें परेशानियां उठानी पड़ी रही है। भविष्य में उनके खेतों का सिचाई कार्य प्रभावित होगा। इसी को लेकर इससे प्रभावित किसानों ने सोमवार को दादरी उपायुक्त शिव प्रसाद को ज्ञापन सौंपा।

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समस्या को लेकर दादरी लघु सचिवालय पहुंचे गांव टिकान कला निवासी सरपंच प्रतिनिधि श्रीभगवान, संदीप, राजकुमार, महावीर, सुशील, अनिल, विजय, मांगेराम, राजा इत्यादि ने कहा कि गंगहेड़ी से नारनौल तक जाने वाला नेशनल हाइवे जिले जिन 18 गांवों से होकर जाना है। उनमें उनका गांव भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उनके अधिकतर खेत दूसरी तरफ है जिसके चलते उन्होंने सिचाई के लिए वहां तक पाइप लाइनें बिछा रखी है। जो सड़क निर्माण कार्य के साथ ही बंद हो जाएंगी। वहीं प्रस्तावित निर्माणाधीन सड़क के नीचे से भी काफी कम स्थान छोड़ा जाना निर्धारित है। जहां से सभी किसानों की पाईप लाइनें निकालना संभव नहीं है। किसानों ने कहा कि वे पूरी तरह से खेती पर पर निर्भर हैं लेकिन यदि खेतों की सिचाई नहीं हो पाई तो उनका पूरा कार्य ठप हो जाएगा। जिससे प्रभावित गांव के दो दर्जन से अधिक परिवारों को दूसरी परेशानियों के अलावा आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिससे उन्हें परिवार का गुजर-बसर करने में दिक्कतें पेश आएंगी। किसानों ने कहा कि प्रशासन को इस पर संज्ञान लेकर या तो पहले से बिछाई गई उनकी लाइनों को ज्यों का त्यों छोड़ा जाए या फिर सड़क मार्ग के नीचे से लाइन बिछाने के लिए उचित स्थान दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे इसको लेकर बीते कई दिनों से कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं और वे तीन बार जिला उपायुक्त के अलावा एनएचएआइ अधिकारियों से भी मिल चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी सुध नहीं ली गई है। जिसके चलते वे धरने पर बैठने को मजबूर हैं।


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