हादसे ने छीन लिए एक ही परिवार के तीन लोग, काकड़ौली हुकमी में छाया मातम
संवाद सहयोगी बाढड़ा बाढड़ा से हिसार जाते समय तोशाम के गांव दुल्हेड़ी के समीप हुए सड़क
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : बाढड़ा से हिसार जाते समय तोशाम के गांव दुल्हेड़ी के समीप हुए सड़क हादसे में कार सवार बाढड़ा के गांव काकड़ौली हुकमी निवासी एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद से ही गांव में मातम का माहौल बना हुआ है। काफी संख्या में स्वजन व ग्रामीण भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
जानकारी के अनुसार गांव काकड़ौली हुकमी निवासी धर्मबीर सिंह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। बुधवार दोपहर को वह अपनी बुआ की बेटी वर्षा को हिसार के गांव सातरोड में छोड़ने के लिए अपने पड़ोसी अरूण की वेगनआर कार में जा रहा था। जाते-जाते उन्होंने अपने ही परिवार के हरपाल सिंह व जसवंत सिंह को भी जल्दी वापस आने की बात कहकर कार में बैठा लिया। इस दौरान जब वे तोशाम के गांव दुल्हेड़ी के समीप पहुंचे तो अचानक उनकी कार अचानक ही अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में अरूण व धर्मबीर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जसवंत सिंह ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं हरपाल व वर्षा घायल हो गए। जैसे ही हादसे की खबर गांव काकड़ौली हुकमी में पहुंची तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के पूर्व सरपंच रमेश कुमार, मायाराम ने बताया कि मृतक तीनों एक ही परिवार के हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि दोपहर तक गांव में हंसते-खेलते मौजूद तीनों व्यक्ति अचानक काल का ग्रास बन गए। मजदूरी कर परिवार का करते थे भरण पोषण
हादसे में मृतक 26 वर्षीय धर्मबीर सिंह अपने पीछे दो लड़के व एक लड़की को छोड़ गया। वहीं मृतक 30 वर्षीय अरूण कुमार एक लड़के व एक लड़की का पिता था। दुखद बात यह है कि इन दोनों मृतकों की संतानों की उम्र केवल पांच से आठ वर्ष की है। भूमिहीन होने के कारण ये दोनों हर रोज दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन इस हादसे से उनके परिवार का भार महिलाओं के कंधों पर आ गया है। इस हादसे ने जसवंत सिंह के बेटे व दो बेटियों के सिर से भी पिता का साया छीन लिया है। परिवार में मचा कोहराम
गांव काकड़ौली हुकमी निवासी तीन लोगों की सूचना मिलते ही तीनों के परिवारों में कोहराम मच गया। वहीं एक साथ तीन घरों के मुखियाओं की मौत से महिलाओं, बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों के आंसू भी रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हादसे की जानकारी मिलते ही कुछ मौजिज ग्रामीण मृतकों के शव लाने के लिए चले गए वहीं कुछ ग्रामीण गांव में ही रहकर स्वजनों को संभालते हुए नजर आए। मृतकों का अंतिम संस्कार वीरवार को किया जाएगा।