15 जून तक बिलों का समाधान न करने पर अदायगी बंद करने का दिया अल्टीमेटम
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: कस्बे की अनाज मंडी में रविवार को किसान संगठनों की महापंचायत का अ
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: कस्बे की अनाज मंडी में रविवार को किसान संगठनों की महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का एलान करते हुए 15 जून तक सभी मांगों का समाधान न करने पर बिजली बिल व कर्जा अदायगी बंद करने का अल्टीमेटम दिया।
महापंचायत की अध्यक्षता किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष कमल ¨सह मांढी ने की। किसान संगठनों द्वारा बिजली बिलों में वृद्धि को वापस लेने, ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बिजली पानी आपूर्ति सुचारु करने, किसान की फसलों का उचित मूल्य दिलवाने की मांग को लेकर महांपचायत को संबोधित करते हुए भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा ने कहा कि इस क्षेत्र ने देश व प्रदेश के किसानों के लिए बार-बार संघर्ष किया है। मौजूदा समय में सरकारी उदासीनता से किसान व उसके परिवार का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। किसानों को सब्सिडी देने के नाम पर झूठे सब्जबाग दिखाने वाली सरकार बिजली बिल, तेल व दैनिक रोजमर्रा की वस्तुओं में रातोंरात वृद्धि कर गरीब तबके के मुहं से निवाला छीनने का काम कर रही है। बढ़ती महंगाई के कारण किसान की संतान उच्च शिक्षा से वंचित है। रोजगार पाने के लिए पैसे व सिफारिश को प्राथमिकता मिल रही है। किसानों के भविष्य के लिए सभी संगठनों को एकजुटता से संघर्ष करना चाहिए।
---------
बिलों के साथ अन्य मांगें भी रखी
महापंचायत में सर्वसम्मति से जिला प्रशासन को 15 जून तक का अल्टीमेटम देते हुए बिजली बिलों में हुई गलती को दुरुस्त करने, सरसों गेहूं की बिक्री व्यवस्था में सुधार कर सभी किसानों की फसलों की खरीद कर तुरंत भुगतान करने, कृषि क्षेत्र में डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को बहाल करने, किसान बोर्ड का गठन कर किसानों को कर्जमुक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि तय समय पर किसानों की समस्याओं में सुधार नहीं किया गया तो दादरी, भिवानी, नारनौल सहित समस्त दक्षिणी हरियाणा के पांच जिलों के किसान 15 जून से ही बिजली बिल व कर्जा अदायगी पर सामूहिक रोक लगा देंगे।
----------
वक्ताओं के निशाने पर रही सरकार
किसान महापंचायत में सभी वक्ताओं के निशाने पर सरकार की लापरवाह कार्यप्रणाली ही रही। वक्ताओं ने घुंमतू पशुओं के प्रबंधन, बिजली पानी वितरण में अनदेखी व अनाज खरीद में सरकारी अधिकारियों की मनमर्जी से अधर में लटकने के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी व तेल मूल्य वृद्धि पर पीएम की चुप्पी भी सभी वक्ताओं की जुबां पर छाई रही। महापंचायत में किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष मीर ¨सह जेवली, संयोजक कमल¨सह मांढी, हरपाल भांडवा, इनेलो जिलाध्यक्ष नरेश द्वारका, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव राजू मान, हलकाध्यक्ष महेन्द्र शास्त्री, कांग्रेस प्रदेश डेलीगेट जगदीप सांगवान, जिला पार्षद अजय झोझु, किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष मा. शेर¨सह, हलकाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा, जाट आरक्षण संघर्ष समिति राज्य सचिव विधानंद हंसावास, पूर्व पार्षद जगत¨सह बाढड़ा, पूर्व चेयरमैन प्रीतम बलाली, डा. ओमप्रकाश आदमपुर, डा. विजय सांगवान मंदौला, राजेन्द्र डोहकी, मा. रघबीर श्योराण, ब्रहमपाल, सत्यवान शास्त्री, रणधीर घिकाड़ा, राजेन्द्र ¨सह हुई, दलबीर गांधी, रामफल कादमा, राजकुमार हड़ौदी, मुकेश बाढड़ा, कप्तान भीम¨सह द्वारका, धर्मपाल बारवास, प्रेम भारीवास, राजकुमार जेवली, सुनील ठेकेदार ¨बद्राबन, ईर्श्वर कादमा, कप्तान सूबे¨सह डालनवास, गंगाराम श्योराण, राम¨सह फरटिया, राजेश झोझु, गिरधारी मोद, सरपंच अजीत ¨सह, रणबीर, जागेराम काकड़ौली, राजबीर शास्त्री, सुशील धानक, मा. टेकचंद बादल, संजय कुमार, शक्ति पहलवान इत्यादि मौजूद थे।