सियासी तापमान: पिछले चुनाव की अपेक्षा जिले में अधिक हो सकती निर्दलियों की तादाद
चरखी दादरी? फिलहाल तो वे अलग-अलग सियासी दलों के झंडे अपने घरों प्रतिष्ठान
सुरेश गर्ग, चरखी दादरी :
फिलहाल तो वे अलग-अलग सियासी दलों के झंडे अपने घरों, प्रतिष्ठानों पर लगाए हुए हैं लेकिन वफादारी महज टिकटों तक दिखाई देती है। हालात यहां तक बने दिखाई दे रहे हैं कि टिकट अपनी पार्टी की नहीं दूसरे दल की सही, और वह भी नहीं तो फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जरूर लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव के लिए बढ़ती सरगर्मियों के बीच दादरी जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में इन दिनों दर्जन भर से अधिक ऐसे स्थानीय नेताओं के नाम खासी चर्चाओं में है जो हर सूरत में दंगल में उतरने का इरादा रखते हैं। सार्वजनिक मंचों पर तो नहीं लेकिन अपने समर्थकों आम लोगों से व्यक्तिगत बातचीत में वे खुलकर चुनाव लड़ने के बुलंद इरादों का इजहार कर रहे हैं। इनमें भाजपा के दावेदारों की संख्या सर्वाधिक है। लोकसभा चुनाव के बाद बदले हुए सियासी माहौल के बीच परिस्थितियों को अपने अनुकूल मान कर जिले के बाढड़ा व दादरी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा में थोक के भाव में उन्होंने दाखिले लेकर सक्रियता बढ़ाई। चार रोज पहले जिले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा दोनों हलकों में इन्हीं दावेदारों ने 38 स्थानों पर अलग-अलग स्वागत स्थल बनाकर एक प्रकार से शक्ति प्रदर्शन किया था। मोटे तौर पर भाजपा में इन 38 के अलावा दर्जन भर अन्य दावेदार भी टिकटों की दौड़ में बताए जा रहे हैं। इनमें से आधे से अधिक का पार्टी प्रवेश लोक सभा चुनाव के बाद ही हुआ है। कईयों ने तो बाकायदा चुनावी दफ्तर खोलकर गाड़ियों के काफिलों के साथ जन संपर्क मुहिम शुरू कर दी है। बाक्स:
कांग्रेस में भी दावेदार कम नहीं
भाजपा के बाद चुनाव मैदान में उतरने के सर्वाधिक दावेदार कांग्रेस में दिखाई दे रहे है। धड़ेबंदी में बंटी कांग्रेस के जितने प्रदेश स्तर पर गुट व उनका नेतृत्व करने वाले नेता हैं उतने ही दादरी बाढड़ा विधानसभा क्षेत्रों में टिकटों के लिए प्रयास करने वाले स्थानीय नेता है। इनमें कई युवा चेहरों के अलावा पूर्व विधायक, पहले चुनाव लड़ चुके लोग शामिल है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के भी आधा दर्जन दावेदार हर हालात में चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए है। पार्टी की टिकट न मिलने पर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने की इच्छा वे सार्वजनिक तौर पर जता रहे है। ऐसे दो तीन युवा नेता तो पिछले कई दिनों से चर्चाओं में है।
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जेजेपी, इनेलो में भी दावेदार
जिले में जेजेपी से भी कई स्थानीय नेताओं के नाम चुनावी जंग में उतरने वालों की फहरिस्त में शामिल है। दादरी से कम व बाढड़ा हलके में जेजेपी के टिकट चाहने वालों की खासी संख्या है। इसी प्रकार की स्थिति इनेलो में भी दिखाई दे रही है। विशेषकर बाढड़ा हलके से इनेलो के आधा दर्जन टिकट चाहने वालों के नाम सुर्खियों में रहे है। इनमें दो पूर्व विधायक भी शामिल है।
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पहले से अधिक रहेंगे आजाद उम्मीदवार
दादरी जिले के मौजूदा सियासी हालातों में यह दिखाई दे रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा प्रभावशाली, दमदार निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या अधिक रहेगी। एक पार्टी बाढड़ा व दादरी दोनों हलकों में टिकटें तो एक एक को ही देंगी। ऐसे में बड़ी उम्मीदें बांधे, काफी समय से मुहिम चलाने वाले कई विभिन्न दलों के स्थानीय नेता चुनाव मैदान में उतर सकते है।