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नए सिरे से निर्धारित होंगे जमीन अधिग्रहण के रेट, राजस्व अधिकारी को दी शक्तियां

चरखी दादरी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दादरी जिले में बनवाए जा रह

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:35 AM (IST)
नए सिरे से निर्धारित होंगे जमीन अधिग्रहण के रेट, राजस्व अधिकारी को दी शक्तियां
नए सिरे से निर्धारित होंगे जमीन अधिग्रहण के रेट, राजस्व अधिकारी को दी शक्तियां

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दादरी जिले में बनवाए जा रहे नेशनल हाइवे 152 डी के मामले में सरकार ने जिला उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा द्वारा भेजी गई रिपोर्ट व सिफारिशों के आधार पर दादरी जिला राजस्व अधिकारी सुखबीर सिंह को जमीन अधिग्रहण के संशोधित रेट निर्धारित करने के लिए शक्तियां प्रदान कर दी हैं। जिले के 17 गांवों की अधिग्रहित जमीन के अब नए रेट निर्धारित होंगे, जिसके आधार पर भू-मालिकों के लिए नया अवार्ड घोषित किया जाएगा। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त केसनी आनंद अरोड़ा ने दादरी जिला के राजस्व अधिकारी को अपने पत्र में उपायुक्त की भेजी गई सिफारिशों का हवाला देते हुए नए रेट निर्धारित करने के लिए आदेश जारी किए हैं। जिला राजस्व अधिकारी ने पत्र की प्राप्ति के तुरंत बाद इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ से जयपुर की दूरी को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ग्रीन कॉरीडोर एनएच 152 डी राजमार्ग का निर्माण करवाया जाना है। इसके लिए दादरी जिले के 17 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है। जिसके लिए 18 जनवरी 2019 व 26 फरवरी 2019 को अवार्ड घोषित किया गया था। इसी अवार्ड के आधार पर जमीन अधिग्रहण से प्रभावित जमीन के मालिकों को मुआवजा दिया जाना था। जिससे किसान रजामंद नहीं थे। इस मामले में दादरी उपायुक्त से ग्रामीणों की बैठकें भी हो चुकी हैं। जिला उपायुक्त ने इस पूरे प्रकरण को समझने के बाद इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को 21 जून को अपनी रिपोर्ट भिजवाई थी। जिसमें किसानों के लिए अवार्ड रिवाइज करने की सिफारिशें की गई। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उपायुक्त सिफारिशों को मान लिया है और इसी के आधार पर जिला राजस्व अधिकारी को संशोधित दरें निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही इस मामले में राज्य सरकार को कार्यवाही के लिए सक्षम करार दिया जा चुका है। पहले घोषित अवार्ड में थी अनियमितताएं

गांव बौंदकलां, बौंद खुर्द, रानीला, भागेश्वरी, झिझर, खातीवास, समसपुर, दादरी, ढाणी फौगाट, टिकान कलां, कपूरी रामनगर, मौड़ी, बलकरा, मकड़ानी, मकड़ाना, दातौली व चिडि़या के किसानों की जमीन के पूर्व में घोषित दो अवार्डो को उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में तर्कसंगत व व्यवहारिक नहीं माना और नए सिरे से सारे तथ्यों का संकलन कर अपनी अनुशंसाएं तैयार कीं। इसमें विशेष तथ्य यह है कि वर्ष 2013-14 के बाद दादरी क्षेत्र के लिए कलेक्टर रेट में कोई संशोधन नहीं किया गया था। इसके अलावा 18 जनवरी को घोषित अवार्ड में एक ही पट्टी पर पड़ने वाले गांवों को साढ़े नौ लाख से 42 लाख तक तथा 26 फरवरी को एक माह बाद घोषित अवार्ड में 10.45 लाख से 50 लाख तक का मुआवजा देने की सूचना जारी की गई। जबकि एक माह में और एक ही सीमा रेखा में आने वाली जमीन की दरों में इतना अंतर नहीं हो सकता।

सरकार ने उपायुक्त की सिफारिशों को न्याय संगत मानते हुए नए आदेश जारी किए हैं। इस विषय में जिला राजस्व अधिकारी ने उपायुक्त को संशोधित दरों के आकलन के लिए पत्र लिखा है। उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा है कि एक कमेटी गठित कर नई संशोधित दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। सीटीमए की अध्यक्षता में कमेटी गठित

ग्रीन कारीडोर के लिए अधिगृहित की गई भूमि के लिए मुआवजा वृद्धि की प्रक्रिया तीव्र हो गई है। उपायुक्त ने नई दरों का निर्धारण करने के लिए नगराधीश डा. विरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में लोक निर्माण के कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र दलाल, तहसीलदार कंवल सिंह यादव व जिला नगर योजनाकार धीरेंद्र सिंह को शामिल किया गया है। मामले में गठित कमेटी की बुधवार को बैठक हो चुकी है और जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त को सौंपी जाएगी।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में किसानों की पूरी पैरवी की जा रही है। वे नहीं चाहते कि किसी भी भूस्वामी के साथ मुआवजे के मामले में अन्याय हो। उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि वे प्रशासन को अपना सहयोग दें और आंदोलन की उग्र राह को न अपनाएं। मुआवजा राशि की नई संशोधित दरों को शीघ्र घोषित कर दिया जाएगा।


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