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युवती का अपहरण कर हत्या करवाने का मुख्य आरोपी साढ़े सात साल बाद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर पुलिस ने युवती का अपहरण कर हत्या करने के मामले में भगो

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 25 Dec 2017 03:01 AM (IST)
युवती का अपहरण कर हत्या करवाने का मुख्य आरोपी साढ़े सात साल बाद गिरफ्तार
युवती का अपहरण कर हत्या करवाने का मुख्य आरोपी साढ़े सात साल बाद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर पुलिस ने युवती का अपहरण कर हत्या करने के मामले में भगोड़े आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी साढ़े सात साल में पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है और उसने न्यायालय के भगोड़ा घोषित होने के आदेश तक की फाइल को गायब करवा दिया था। न्यायालय ने बड़ा फैसला लेते हुए दोषी की प्रापर्टी अटैच करने के आदेश दे दिए हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक घटना 6-7 अप्रैल 2010 की रात की है। कुछ लोग एक गाड़ी में सवार होकर भिवानी के शास्त्री नगर आए और कुसुम नामक युवती के घर में दीवार के ऊपर से घुस गए और उसका अपहरण कर लिया। कुसुम की मां कृष्णा ने विरोध किया तो आरोपियों ने रिवाल्वर तान दी और उसके साथ भी मारपीट की और जाते-जाते गहने भी छीनकर ले गए। इसके बाद 7 अप्रैल 2010 की सुबह कुसुम का शव मुंढाल के नजदीकी गांव बास के जोहड़ में डाल दिया। ग्रामीणों ने शव को देखा तो सरपंच को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में भिजवाया था। अस्पताल में पहुंचने पर शव की पहचान कर ली गई। लेकिन 2014 तक इस मामले में कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। हैरानी की बात तो यह है, जिस मामले को भिवानी पुलिस ने अनट्रेस घोषित कर दिया था, उसकी फाइल फरवरी 2014 में तब खुली जब सिरसा पुलिस ने सिरसा निवासी अतर ¨सह को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान उसने कुसुम की हत्या की बात कबूल कर ली और अपने साथियों के नाम का भी खुलासा कर दिया। इस मामले में पुलिस ने अतर ¨सह के अलावा राजेश, सोमदीप को भी गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य आरोपी की दुर्घटना में मौत हो चुकी है। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी राजेन्द्र गोदारा की गिरफ्तारी हुई नहीं थी। भिवानी न्यायालय द्वारा उसे कई बार गैर जमानती वारंट जारी किए गए और पीओ तक घोषित कर दिया गया। आखिर शहर पुलिस ने शनिवार को मुख्य आरोपी राजेन्द्र गोदारा को सिरसा से गिरफ्तार कर रविवार को न्यायालय में पेश कर दिया। न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दे दिए हैं।

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तीन दोषियों को पहले ही हो चुकी है उम्रकैद

उधर न्यायालय ने 30 अगस्त 2017 को इस मामले में तीन दोषियों अतर ¨सह,राजेश, सोमदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पीड़ित परिवार के अधिवक्ता सूरत ¨सह ने बताया कि इस मामले में दोषी राजेश ने बयान दे दिया कि जिस मामले में उन्हें सजा दी जा रही है, उसका असल दोषी राजेन्द्र गोदारा है। राजेन्द्र ने लड़की की हत्या करवाने के लिए पांच लाख रुपये दिए थे और उसका कहना था कि उक्त लड़की उसे तंग कर रही है। यह मामला कोर्ट संज्ञान में आया तो बड़ी हैरानी हुई आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। लेकिन पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश ही नहीं किया। इस पर न्यायालय कई बार वारंट व गैर जमानती वारंट जारी किए। लेकिन वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद न्यायालय ने आरोपी को 23 जनवरी 2017 को पीओ घोषित कर दिया। लेकिन इसके बावजूद भी आरोपी नहीं पकड़ा गया तो 1 दिसंबर 2017 को न्यायालय ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी संपत्ति को अटैच करने के आदेश कर दिए। अधिवक्ता सूरत ¨सह ने कहा कि राजेन्द्र गोदारा काफी पहुंच वाला व्यक्ति है। उसने न्यायालय से फाइल गुम करवा दी थी। उन्होंने बताया कि रोहतक गेट स्थित राजनीतिक पार्टी कार्यालय व पेट्रोल पंप की जमीन को अटैच करने के आदेश दिए जा चुके हैं।

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न्यायालय से फाइल ही कर दी गई गुम

जेएमआइसी आशुतोष के न्यायालय द्वारा 23 जनवरी 2017 को आरोपी को पीओ घोषित करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन इन आदेशों से संबंधित फाइल ही 7 जुलाई 2017 को गायब मिली। यह तो अच्छी बात यह थी कि पीड़ित परिवार ने पीओ घोषित करने के आदेशों की सर्टिफाइड कापी मार्च में ही ले ली गई थी और उन्होंने उक्त कापी न्यायालय में पेश कर दी। इसके बाद पीड़ित परिवार के अधिवक्ता सूरत ¨सह ने फाइल गुम होने से संबंधित इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ज्?योति लांबा की अदालत में याचिका दायर कर दी। न्यायाधीश ने 13 नवंबर 2017 को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अहलमद के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। आरोपी राजेन्द्र गोदारा व उसके भाई के नाम से रोहतक गेट स्थित राजनीतिक पार्टी के जिला कार्यालय की जमीन है। इसके अलावा इसके पास स्थित पेट्रोल पंप की जमीन भी उसी के नाम से है। सिरसा में भी काफी प्रापर्टी आरोपी के नाम से है और वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी फंसा हुआ है।

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यह मामला 2010 का है, ऐसे में अदालत ने आरोपी को पीओ घोषित कर दिया था। अदालत के आदेशानुसार मुकदमा दर्ज कर आरोपी को युवती का अपहरण कर हत्या करने व भगोड़ा होने के दोनों मामलों में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

श्रीभगवान, शहर थाना प्रभारी, भिवानी।


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