दिल्ली में बैठे हैकर ने दादरी के खाते से उड़ाए 80 हजार
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दिल्ली में बैठे एक हैकर ने दादरी जिले गांव खेड़ी सनवाल निव
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
दिल्ली में बैठे एक हैकर ने दादरी जिले गांव खेड़ी सनवाल निवासी एक युवती के एटीएम का क्लोन तैयार कर खाते में सेंध लगाते हुए बुधवार रात 80 हजार रुपये निकाल लिए। देर रात नकदी निकासी का मैसेज मिलने पर युवती के परिजनों ने कार्ड ब्लाक करवाकर सदर पुलिस थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई। गांव खेड़ी सनवाल निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी पुत्री श्रुति शर्मा का खाता दादरी शहर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। बुधवार देर रात 11.26 मिनट पर उसके मोबाइल पर एटीएम के जरिए 40 हजार रुपये की निकासी का मैसेज आया। जबकि एटीएम उसके पास ही था तथा वह अपने घर पर सो रही थी। उसने तुरंत इसकी जानकारी अपने परिजनों को देते हुए इसके बारे में पूछताछ की लेकिन किसी को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जिस पर उन्होंने तुरंत बैंक के कस्टमर केयर में फोन करके कार्ड को ब्लाक करवाया। सुबह उन्होंने बैंक में जाकर खाते की जांच की तो पता चला कि दिल्ली के घेवरा अनाजमंडी एटीएम से तीन बार में खाते से 80 हजार रुपये निकाले गए है। इनमें पहली दो निकासी 20-20 हजार व तीसरी 40 हजार की गई है। श्रुति के पिता सुरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में उनके परिवार को कोई सदस्य नहीं रहता तथा एटीएम भी उसकी पुत्री के पास ही है। ऐसे में कैसे उसके खाते से 80 हजार रुपये निकाले गए यह समझ से परे है।
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लिमिट 20 की, कैसे निकले 80 हजार
सुरेश कुमार ने बताया कि बैंक द्वारा अब खाते से पैसे निकालने की लिमिट तय की हुई है। एटीएम के जरिए एक दिन में केवल 20 हजार रुपये निकाले जा सकते है लेकिन यहां पर दिल्ली में बैठे हैकर ने कुछ ही मिनटों में 80 हजार रुपये निकाल लिए। इसमें बैंक प्रबंधन में से भी किसी की मिलीभगत हो सकती है।
क्लोन तैयार कर रहे हैकर
एटीएम उपभोक्ता की जेब में होने के बावजूद हैकर उसके खाते से कैसे नकदी निकाल रहा है यह उपभोक्ता के समझ से बेशर परे हो लेकिन इसके बारे में जागरण कई बार प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर चुका है। हैकर विभिन्न जिलों में ऐसे एटीएम बूथ को तलाशते है जहां पर कोई सिक्योरिटी गार्ड न हो। सुरक्षा में चूक का फायदा उठाकर हैकर बहुत ही खुफिया तरीके से एटीएम व क्रेडिट कार्ड का क्लोन करते हैं। इसके लिए वह स्केनर मशीन का इस्तेमाल करते हैं। स्केनर मशीन में कार्ड के स्वाइप करते ही कार्ड की सारी डिटेल इस मशीन में सेव हो जाती है। इसके बाद आरोपी कंप्यूटर और अन्य तरीकों इस डेटा को एक खाली कार्ड में डालकर क्लोन तैयार करते हैं। हैकर इसी क्लोन का इस्तेमाल कर दूर दराज के इलाकों से उपभोक्ता के खाते से लाखों रुपये निकालने का काम करते हैं।
एटीएम में फिक्स करते हैं मशीन
इसी तरह ठग कई एटीएम मशीनों में एक किट लगाते हैं। इसमें कीपेड पर एक मेट के तरीके का उपकरण, स्वाइप की जगह कापी मशीन और पासवर्ड को देखने के लिए एक बटन जैसा कैमरा लगाया जाता है। यह कैमरा आपके पासवर्ड और स्वाइप की जगह लगी मशीन आपके डेटा को सेव करती है। इस मशीन में जितने भी एटीएम स्वाइप होते है। उनका डेटा इस डिवाइस में चला जाता है। इसे मौका पाकर ठग निकाल लेते हैं। जिसके बाद उसी प्रक्रिया के तहत कार्ड का क्लोन तैयार कर पीड़ित की जेब में उसका कार्ड होने के बाद भी क्लोन के जरिये खाते से रुपये निकाल लेते हैं।
ये बरतें सावधानियां
उपभोक्ता उस एटीएम से पैसे कभी न निकाले जहां पर गार्ड तैनात न हो, अपना एटीएम वह स्वयं ही प्रयोग करें किसी और को इस्तेमाल के लिए न दें। एटीएम केबिन में यदि कोई और है तो उसके बाहर निकलने पर ही मशीन का प्रयोग करें। सबसे विशेष एटीएम की मशीन में जहां पर कार्ड डाला जाता है वहां पर उसे ¨खचकर देखें। यदि क्लो¨नग मशीन फिट की गई होगी तो हाथ लगाने पर उसका पता चल जाएगा। इसी तरह एटीएम प्रयोग करते समय जहां पर एटीएम कार्ड लगाया जाता है वहां पर हरी लाइट जलने लगेगी। यह लाइट तब तक नहीं रुकेगी जब तक उपभोक्ता पैसे निकासी का कार्य कर कार्ड वापिस निकालकर आगे की ट्रांजेक्शन के लिए कैंसिल नहीं कर देता।
हरी लाइट नहीं जलती है तो इसका सीधा सा मतलब है कि मशीन के साथ किसी ने छेड़छाड़ कर उसे हैंग किया है। ऐसे में उस मशीन का प्रयोग न करें।