मुआवजा वितरण में अनियमितताओं के आरोप, जमकर नारेबाजी की किसानों ने
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : मंगलवार को गांव काकड़ौली हुकमी बैंक शाखा द्वारा प्राकृतिक आपदा
संवाद सहयोगी, बाढड़ा :
मंगलवार को गांव काकड़ौली हुकमी बैंक शाखा द्वारा प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण में अनियमितता बरतने पर क्षेत्र के आठ गांवों के किसानों ने शाखा पर पहुंच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने उपमंडल कार्यालय जाकर एसडीएम को शिकायत पत्र सौंपा और मामले की जांच करवा कर प्रभावित किसानों को न्याय दिलवाने की मांग की।
मुआवजा वितरण में जानबूझ कर धांधली बरतने की शिकायत को लेकर अखिल भारतीय किसान हलकाध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण की अध्यक्षता में आठ गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को काकड़ौली हुकमी की ग्रामीण बैंक शाखा पर पहुंच कर रोष जताया। किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के नाम पर केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। वर्ष 2017 में क्षेत्र में बेमौसमी बरसात व प्राकृतिक आपदा से क्षेत्र के गांव काकड़ौली हुकमी, काकड़ौली हट्ठी, काकड़ौली सरदारा, भारीवास, जीतपुरा, गोपी इत्यादि आठ गांवों की 90 फीसद नरमा, ग्वार, बाजरा की फसलें तबाह हो गई थी। लेकिन बीमा एजेंसी ने बैंक प्रबंधकों से मिलीभगत कर अपने चहेतों को ही मुआवजा दिलवाया। इससे हजारों किसानों को बीमा राशि का भुगतान काटने के बाद भी बीमा राशि लाभ योजना में शामिल नहीं किया गया। इससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है और अब बीमा कंपनी व बैंक प्रबंधक जानबूझ कर उनकी बातों का समाधान करने की बजाए मूकदर्शक बना हुआ है।
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अधिकारों से हो रहा है खिलवाड़
विपक्ष में रहते हुए बड़े बड़े वायदे कर किसानों के वोट बटोरने वाली भाजपा पिछले पांच वर्ष से किसानों के हित में कुछ नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि जब से देश व प्रदेश में भाजपा सत्तासीन हुई है किसानों व मजदूरों के अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है। पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। सरकार के पास बड़े उद्योगपतियों का पुराना ऋण माफ करने का बजट है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सस्ते राशन व कृषि क्षेत्र में डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए कोई पैसा नहीं है।
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भेदभाव का आरोप लगाया
किसान सभा सचिव रामपाल धारणी ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र के साथ रोजगार, बिजली पानी व किसानों को खाद मुहैया करवाने में
गंभीरता से काम नहीं किया है। क्षेत्र के किसानों द्वारा बार-बार आंदोलन व भूख हड़ताल करने के बावजूद अभी तक प्रदेश सरकार इस क्षेत्र के किसानों के साथ मुआवजा समेत अन्य मांगों पर जानबूझ कर अनदेखी कर रही है। प्रदेश सरकार बाढड़ा क्षेत्र में वर्ष 2015 के नरमा उत्पादक सफेद मक्खी प्रभावित फसलों के किसानों के लिए मुआवजे जारी नहीं कर रही।
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एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
बैंक प्रबंधक ने आंदोलनरत किसानों को बताया कि बैंक को बीमा कंपनी ने ही सूची दी है। उसके बाद आधार कार्ड से संबंधित जुड़ाव न होने वाले किसान मुआवजा राशि से वंचित रह गए हैं। जिसमें बैंक प्रबंधन की लापरवाही नहीं है। बैंक प्रबंधक का पक्ष सुनकर किसान शांत नहीं हुए और किसानों ने उपमंडल कार्यालय पहुंच कर एसडीएम मनीष फौगाट को शिकायत पत्र सौंपा और मामले की जांच की मांग की।
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इस अवसरपर सरपंच विक्रम ¨सह, पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, किसान सभा सचिव रामपाल धारणी, महिपाल भांडवा, पूर्व सरपंच रमेश कुमार, संत, राजेश लाडावास, कपूर ¨सह नंबरदार, धर्मबीर ¨सह, शक्ति पहलवान, पूर्व जिलाध्यक्ष अमर ¨सह बाढड़ा, परमजीत, पंच अनिता देवी, मांगेराम, अजीत ¨सह, पूर्व एसआइ राममेहर श्योराण, खेमराज, लीलाराम, मंजीत सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।