मंदिर धरोहर होती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमें धर्म के प्रति बनाती है आस्थावान
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संवाद सहयोगी,बहल : जिस गांव व नगर में धर्म ध्वजा लहराती है उस गांव के लोग सदैव कर्म में विश्वास रखते हैं और नवजात पीढि़यां संस्कारवान होती हैं। जिस नगर के प्राणी गुरू, ब्राह्मण तथा गो माता का आदर करते है वह गांव मंदिर सम्मान हो जाता है और विद्वान व शिक्षित होकर ख्याति हासिल करते हैं। मंदिर किसी भी गांव या शहर की वह धरोहर होती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमें अपने धर्म के प्रति आस्थावान बनाती है। यह विचार ढ़ाणा जोगी मठ के महंत बाबा केशव नाथ ने बाबा बालक नाथ मंदिर के कलश स्थापना अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्यातिथि ठेकेदार इंद्रजीत ¨सह उर्फ कालू थे। क्षेत्र के हसनपुर झांझड़ा में बाबा बालक नाथ की स्मृति में नव निर्मित मंदिर पर कलश स्थापना से पूर्व प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। बाबा बालक नाथ की तपो भूमि पर नवनिर्मित मंदिर की 91 फीट ऊंची गुंबद पर बाबा केशव नाथ व बाबा धर्म गिरी के कर कमलों से कलश की स्थापना शनिवार को धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन के बाद की गई। कलश स्थापना आयोजन पर शांती व समृद्धि के लिए हवन में मुख्यातिथि, साधू महात्माओं तथा यजमान दंपति ने पूर्णाहुति दी। कार्यक्रम की श्रृंखला में रात्रि जागरण तथा भंडारे का आयोजन किया गया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार के निजी सहायक रमेश कुमार दंपति ने अनुष्ठान बतौर यजमान शिरकत की और साधू महात्माओं से आशीर्वाद लिया। अनुष्ठान अवसर पर सरपंच सुभाष गोयल, सरपंच सुरेंद्र राठी, सरपंच जितेंद्र, रतन ¨सह, मा. सरजीत आदि ने शिरकत की।