शिक्षक सत्यप्रकाश ने अपनी कला के दम पर स्कूल को बना दिया शिक्षा एक्सप्रेस
शिक्षक सत्यप्रकाश ने खुद अपनी कला के दम पर स्कूल को शिक्षा एक्सप्रेस बनाया है। गांव प्रह्लादगढ़ के राजकीय प्राथमिक पाठशाला को शानदार पेंटिग से रेलगाड़ी के मॉडल के रूप में तैयार किया है।
सुरेश मेहरा, भिवानी
शिक्षक सत्यप्रकाश ने खुद अपनी कला के दम पर स्कूल को शिक्षा एक्सप्रेस बनाया है। गांव प्रह्लादगढ़ के राजकीय प्राथमिक पाठशाला को शानदार पेंटिग से रेलगाड़ी के मॉडल के रूप में तैयार किया है। लॉकडाउन के दौरान जहां अन्य अध्यापक अपने घरों में रहे, वहीं इस अध्यापक ने स्कूल पहुंच अपनी कला का जादू बिखेरा और स्कूल को ऐसा लुक दिया कि बच्चे यहां बैठकर यह महसूस करेंगे वे रेलगाड़ी में बैठे हैं। स्कूल में सात कमरे, सभी को रेल के डिब्बों सा सजाया
राजकीय प्राथमिक पाठशाला प्रह्लादगढ के इंचार्ज सत्यप्रकाश गिल कहते हैं कि प्राइमरी शाखा में वे अकेले अध्यापक हैं। यहां पर 12 बच्चे हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्हें स्कूल में आने की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने समय का सदुपयोग करते हुए स्कूल को नया लुक देने के बारे में विचार किया। उन्होंने इसके बारे में अधिकारियों से सलाह ली और अपना आइडिया बताया। उनके विचार पर सहमति मिली और उन्होंने स्कूल के कमरों को अपनी चित्रकला से ऐसा रूप दिया कि दिखने में ऐसे लगे मानो रेलगाड़ी हो। लॉकडाउन के दौरान खुद की कार सेवा
शिक्षक ने बताया कि स्कूल को नए लुक में सजाने के लिए उन्होंने खुद लॉकडाउन के दौरान कारसेवा की। इस पर 20 हजार रुपये से ज्यादा का खर्च आया। यह खर्चा शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किया गया। अब जो भी अभिभावक आते हैं स्कूल रूपी रेलगाड़ी के साथ सेल्फी लेना नहीं भूलते। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने को उठाया यह कदम
हमारे स्कूल में बच्चों की संख्या 12 है। अब नए पंजीकरण होकर संख्या 28 हो गई है। अभिभावक यहां आते हैं तो बहुत सराहना मिलती है। हमारी प्लान है कि जब स्कूल खुलेंगे तब हम हर पीरियड बदलने के समय बजने वाली रेल की सिटी की तरह म्यूजिक सिस्टम लगाएंगे। सुंदरीकरण की जब विभाग की योजना है तो मैने इसे नया लुक देने के लिए यू ट्यूब व सोशल मीडिया और गूगल को खंगाला तो राजस्थान के जैसलमेर में इस तरह की पेंटिग से यह आइडिया आया और उस पर मैने काम किया। आला अधिकारियों से बात कर भविष्य में स्कूल को और ज्यादा आकर्षक बनाने की योजना है।