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रबी फसलों की बीजाई का समय नजदीक, किसान बीज खरीदते समय रखे सावधानियां

खरीफ सीजन की फसलों की कटाई के साथ ही रबी फसलों की बीज

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:52 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 08:52 AM (IST)
रबी फसलों की बीजाई का समय नजदीक, किसान बीज खरीदते समय रखे सावधानियां
रबी फसलों की बीजाई का समय नजदीक, किसान बीज खरीदते समय रखे सावधानियां

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : खरीफ सीजन की फसलों की कटाई के साथ ही रबी फसलों की बीजाई का समय नजदीक आ रहा है। जिसके लिए किसान तैयारी में जुट गए हैं। जिले के किसानों द्वारा अब बाजरा कटाई के बाद खेती खाली होने के साथ ही सरसों बीजाई की तैयारी करने लगे हैं। जिसके तहत किसानों द्वारा प्लेवा करने के साथ खाद व बीज खरीद का कार्य भी चल रहा है। कृषि जानकारों के अनुसार बीज खरीदते समय किसानों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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उल्लेखनीय है कि दादरी जिले में रबी सीजन के दौरान मुख्यत: गेहूं, सरसों, जौ, चना की खेती की जाती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों बीजाई के लिए 10 से 25 अक्टूबर तक का समय उपयुक्त माना जाता है। लेकिन वर्तमान में तापमान अधिक होने के कारण मौसम सरसों बीजाई के लिए अनुकूल नहीं हुआ है। जिसके कारण किसानों को बीजाई के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन इस दौरान किसान सरसों का बीज खरीद रहे हैं। जिसमें किसानों को अधिक उत्पादन के लिए बीज खरीदते समय कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। सरसों बीजाई के लिए तापमान कम होने का करे इंतजार

कृषि विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कौशिक ने कहा कि सरसों बीजाई के लिए 10 से 25 अक्टूबर का समय उपयुक्त माना जाता है। लेकिन वर्तमान में तापमान अधिक होना के कारण किसान। उन्होंने कहा कि सरसों बीजाई के लिए अधिकतम तापमान 22 डिग्री होना चाहिए। लेकिन मौजूदा समय में अधिकतम तामपान करीब 37 डिग्री है। जिससे सरसों में पेटिड बग का खतरा है। इसलिए किसान सरसों बीजाई के लिए किसान तापमान कम होने का इंतजार करें। बीज खरीदते समय किसान बरते सावधानी :डा. कौशिक

कृषि विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कौशिक ने कहा कि फसलों की बीजाई का समय नजदीक आते ही काफी बीज कंपनियां बीज के प्रचार व उसे बेचने में जुट जाती है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों से जुड़े लोग किसानों को अधिक उत्पादन का प्रलोभन देकर किसानों को बीज बेच देते हैं। लेकिन कई बार बीज सहीं नहीं होने पर अंकुरण, उत्पादन काफी होता हैं। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसान प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करें। इससे फसल में रोग कम आने व अधिक उत्पादन होने की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि किसान बीज खरीदते समय बिल अवश्य ले ताकि बीज में खामी मिलने पर क्लेम किया जा सके। इसके अलावा जहां तक संभव हो सरकारी केंद्र से ही बीज खरीदने का प्रयास करें।


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