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मलकियत किसी की, फसल पंजीकरण किसी का, पीड़ित किसानों ने एसडीएम से लगाई गुहार

- फसल पंजीकरण योजना बनी किसानों के गले की फांस किसानों ने कहा- अज्ञात व्यक्तियों ने भूमि पर

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 06:28 PM (IST)
मलकियत किसी की, फसल पंजीकरण किसी का, पीड़ित किसानों ने एसडीएम से लगाई गुहार
मलकियत किसी की, फसल पंजीकरण किसी का, पीड़ित किसानों ने एसडीएम से लगाई गुहार

- फसल पंजीकरण योजना बनी किसानों के गले की फांस, किसानों ने कहा- अज्ञात व्यक्तियों ने भूमि पर कब्जा दिखा करवाया पंजीकरण

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संवाद सहयोगी, बाढड़ा : प्रदेश सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसानों को सरकार की नीतियों से लाभान्वित करने के लिए शुरू की गई फसल पंजीकरण योजना ही उनके गले की फांस बन गई है। क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में मालिक कोई और दर्ज है जबकि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कोई और व्यक्ति अपना कब्जा दर्शा कर अपना पंजीकरण करवाया है। जिससे असली मालिक अब मंडियों में अपना अनाज कैसे बेच पाएंगे। इसको लेकर भ्रम पैदा हो गया है। प्रभावित किसानों में रोष पैदा हो गया है और उन्होंने एसडीएम को मांग पत्र देकर उनके मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की अपील की है। कृषि विभाग ने किसानों को अपनी फसल बिक्री व सरकार की अलग अलग श्रेणी की नीतियों का लाभ देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल शुरू किया है। जिसमें भूमालिक कृषि विभाग के पोर्टल पर आनलाइन स्वेच्छा से अपनी फसल बुवाई का सारा ब्यौरा दर्ज करवा सकता है और इसी आधार पर भविष्य में मंडी में अपनी फसल बिक्री करने व आपदा की चपेट में आने पर सरकारी मदद पाने का हकदार बन जाता है। इस योजना को लेकर क्षेत्र के किसानों में विशेष उत्साह बना हुआ है। इससे सरकार की एमएसपी दरों पर फसल बिक्री के लाभ को लेकर कुछ लोग आनलाइन धोखाधड़ी करने में जुट गए हैं और वह कंप्यूटर पर बैठकर किसी भी किसान की भूमि पर खुद की काश्त दर्ज करवा कर कमीशन के तहत फसल बिक्री के स्कैंडल में शामिल हो गए हैं। भूमि पर कब्जा कर फसल बेचने का आरोप

काकड़ौली सरदारा, बाढड़ा, बेरला के संदीप श्योराण, प्रवीन कुमार, रामसिंह, उमराव, राजेंद्र सिंह, अनिल कुमार इत्यादि किसानों ने उपमंडल अधिकारी कार्यालय पहुंच कर एसडीएम को बताया कि उनके पास कई एकड़ भूमि है और हर बार कोई ना कोई अज्ञात व्यक्ति उनकी भूमि पर अपना कब्जा या काश्त दर्शा कर फसल बेच देता है वहीं उनको ओपन बाजार में कम दामों पर अपना अनाज बेचना पड़ता है। किसानों ने कहा कि कई खेतों की भूमि पर तो दूसरे जिले के लोगों ने भी पंजीकरण कराया है। एसडीएम ने दिया जांच का भरोसा

एसडीएम डा. संजय कुमार ने सारे मामले की जांच करवा कर किसानों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वे मामले से जुड़े सभी तथ्यों की बारीकी से जांच करेंगे।


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