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स्कूल अपग्रेड करने की धीमी चाल, ग्रामीण जागे, गांव में ही पढ़ेंगे गोपाल

जागरण संवाददाता चरखी दादरी सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में हालात सुधरने का दावा करे

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 05:34 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:12 AM (IST)
स्कूल अपग्रेड करने की धीमी चाल,  ग्रामीण जागे, गांव में ही पढ़ेंगे गोपाल
स्कूल अपग्रेड करने की धीमी चाल, ग्रामीण जागे, गांव में ही पढ़ेंगे गोपाल

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी:

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सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में हालात सुधरने का दावा करें, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता इन पर पानी फेर देती है। ऐसा ही हुआ किशनपुरा के स्कूल के मामले में। गांव डूडीवाला किशनपुरा का यह स्कूल पोल खोल रहा है। यहां ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद गांव स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल को अपग्रेड कर मिडिल तक तो कर दिया, लेकिन तीन साल का समय बीतने, जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी भवन का निर्माण नहीं हो पाया। ग्रामीणों की पुरानी मांग पर स्कूल अपग्रेड होने के बावजूद जब विद्यार्थियों को उस स्तर की सुविधा नहीं मिली तो गांव की श्री सोमनाथ जन कल्याण समिति ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर स्कूल भवन के निर्माण का बीड़ा उठाया। आज रखी जाएगी स्कूल की नीव

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूल में सात कमरों की नींव रखी जाएगी। उल्लेखनीय है कि दादरी जिले के गांव डूडीवाला किशनपुरा में कक्षा पांचवीं तक का ही राजकीय स्कूल था। गांव के बच्चों को प्राइमरी के बाद चार से पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इसलिए ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों, विभाग के अधिकारियों के समक्ष स्कूल को अपग्रेड करने की मांग रखी थी। वर्ष 2017 में सरकार की ओर से प्रदेश के 33 प्राइमरी स्कूलों को अपग्रेड कर मिडिल स्कूल में तबदील किया था, जिसमें दादरी जिले के डूडीवाला किशनपुरा स्कूल का नाम भी शामिल था। स्कूल अपग्रेड होने पर ग्रामीण खुश हुए, लेकिन अपग्रेडिग के बाद इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण विद्यालय का भवन नहीं बन पाया। इससे यहां बच्चों ने दाखिले लेने में भी रुचि नहीं दिखाई और पढ़ाई भी बाधित हुई। सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीण आए आगे

गांव किशनपुरा में पहले राजकीय प्राइमरी विद्यालय था, उसी के अनुरूप छोटा भवन था। विद्यालय भवन में जो कमरे थे, वे भी सभी बैठने योग्य नहीं थे। वहीं दूसरी ओर स्कूल अपग्रेड होने क बाद कक्षा आठ तक कक्षा लगने पर भी प्राइमरी स्कूल के भवन से ही काम चलाया जा रहा था। विद्यार्थियों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए गांव की श्री सोमनाथ जनकल्याण समिति की अगुवाई में ग्रामीण नेता, मंत्री, अधिकारी के दरबार में भवन निर्माण की गुहार लगा चुके थे, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई तो आखिरकार ग्रामीणों ने स्वयं सात कमरे बनवाने का निर्णय लिया। आज रखी जाएगी कमरों की नींव

गांव डूडीवाला किशनपुरा विद्यालय के प्रभारी राजबीर सिंह रांगी ने कहा कि विद्यालय का भवन नहीं होने के कारण गांव के विद्यार्थी और अभिभावक यहां दाखिला कराने में कम दिलचस्पी दिखा रहे थे और बीते शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यालय में केवल 100 विद्यार्थी ही थे। ग्रामीणों की ओर से भवन निर्माण कराने का निर्णय लेने के साथ स्कूल प्रबंधन के साथ मिलकर विद्यालय में दाखिले बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। मौजूदा शैक्षिक सत्र में विद्यालय में करीब 300 विद्यार्थियों के दाखिले हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण के बाद इसमें इजाफा होगा। शिक्षा अधिकारियों को निमंत्रण

विद्यालय प्रभारी राजबीर सिंह रांगी की अगुवाई में श्री सोमनाथ जन कल्याण समिति के सदस्यों ने जिला शिक्षा अधिकारी राम अवतार शर्मा और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विरेंद्र सिंह मलिक से मुलाकात की। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को बुधवार को भवन निर्माण प्रक्रिया शुरू करने पर आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। भवन की कर चुके है मांग: सरपंच

गांव डूडीवाला किशनपुरा के सरपंच राजकुमार ने कहा कि स्कूल भवन निर्माण की मांग ग्रामीणों की ओर से कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखी गई थी, लेकिन बजट नहीं होने का हवाला देकर इसे टाल दिया जाता था। इसके चलते ग्रामीणों ने स्कूल भवन निर्माण का निर्णय लिया है।

विभाग ने भेज रखी है डिमांड: डीईओ

दादरी जिला शिक्षा अधिकारी राम अवतार शर्मा ने कहा कि भवन निर्माण के लिए विभाग ने डिमांड ने भेज रखी है। उन्होंने बताया कि गांव के लोग भवन निर्माण करा रहे हैं, जिसके लिए वे उनसे मिले थे। उन्होंने कहा कि एसएमसी प्रस्ताव पास कर निर्माण कार्य कर सकती है, जिससे संबंधित पूरी प्रक्रिया समिति सदस्यों को समझा दी गई है।


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