शिक्षा विभाग का कारनामा छह महीने के बच्चे की सरकारी पद पर करवा दी नियुक्ति
बता दें कि भिवानी निवासी सूरज अग्रवाल ने इस संबंध में शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का सूचना अधिकार के तहत ब्यौरा मांगा था।
मनोज कौशिक, भिवानी। भिवानी के शिक्षा विभाग में भर्ती किए गए 10 से ज्यादा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्ति के समय कोई चार महीने, कोई 9 साल तो कोई 14 साल की उम्र के ही थे। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इस बात का खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा सूचना अधिकार के तहत दी गई जानकारी में हुआ है। कुछ कर्मचारी की तो नियुक्ति और जन्मतिथि में महज छह महीने का ही अंतर है। हैरानी की बात तो ये है कि कर्मचारियों की नियुक्ति की तिथि और जन्मतिथि से संबंधित दिए गए रिकार्ड को विभाग के अधिकारियों ने अटेस्ट भी किया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कार्य प्रणाली में घोर लापरवाही बरती गई है। क्योंकि शिक्षा विभाग में 18 साल से कम किसी भी आवेदक को नौकरी नहीं दी जा सकती। हालांकि कुछ स्पेशल विभाग में उम्र सीमा में रियायत होती है। मगर शिक्षा विभाग में ऐसा नहीं है।
बता दें कि भिवानी निवासी सूरज अग्रवाल ने इस संबंध में शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का सूचना अधिकार के तहत ब्यौरा मांगा था। राज्य सूचना आयोग के आदेश पर विभाग द्वारा दिए गए विवरण में 70 कर्मचारियों की नियुक्ति रिकार्ड में खामियां मिली हैं। इनमें करीब दो कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके जन्म व नियुक्ति की तिथि में 6 महीने से लेकर 16 साल का ही अंतर मिला है। अधिकांश नियुक्तियां सन 2000 या इससे पहले की गई थीं। रिकार्ड में पैन से भी कटिंग कर छेड़छाड़ भी की गई है। विभाग ने यह जानकारी शिक्षा विभाग के पत्रक्रमांक 18973,एससीआईसी,2018, 8-1ए के तहत दी है।
कर्मचारी का नाम | नियुक्ति की तिथि | जन्म तिथि |
रिसालो | 13-11-1998 | 10-5-1998 |
निशा | 23-3-2000 | 8-3-1984 |
राजेन्द्र | 05-05-2000 | 20-08-1985 |
प्रदीप कुमार | 19-07-2001 | 20-5-1986 |
अंगूरी | 1-12-2001 | 21-9-1957 |
अतर सिंह | 1-5-2002 | 17-4-1984 |
मदन | 23-8-2003 | 20-8-1987 |
नीलमी | 21-05-1994 | 11-11-1978 |
प्रताप सिंह | 7-10-1997 | 25-10-1996 |
हवा सिंह | 12-12-1997 | 20-4-1981 |
नोट : नीलमी देवी की दो बार नियुक्ति दिखाई गई है। 21-05-1994 के अलावा 18-10-2002 को भी नियुक्ति दिखाई गई है।
डेटा वेरीफाई करवांएगे
इस बारे में बीइओ नरेश मेहता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हो सकता है यह डाटा मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम (एमआईएस) से उठाया हो और उसमें गलत डाटा फीड हो गया हो। दो पेज हाथ से लिखे हुए हैं और उनमें भी जन्मतिथि वही हैं, जो कि कंप्यूटराइज्ड कापी में है तो यह गलत है। इसे वेरीफाई करेंगे।