दादरी में 14 घंटों छाया रहा सन्नाटा, बंद रहे तमाम बाजार
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू दादरी जिले में पूरी तरह सफल रहा। रविवार को जनता कर्फ्यू के चलते दादरी के सभी मुख्य बाजारों चौराहों पर वीरानी नजर आई। सुबह 7 बजे के बाद केवल वे ही लोग घरों से बाहर निकले जिन्हें कोई जरूरी काम था।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू दादरी जिले में पूरी तरह सफल रहा। रविवार को जनता कर्फ्यू के चलते दादरी के सभी मुख्य बाजारों, चौराहों पर वीरानी नजर आई। सुबह 7 बजे के बाद केवल वे ही लोग घरों से बाहर निकले, जिन्हें कोई जरूरी काम था। आमतौर पर दादरी के बीचोंबीच स्थित भगवान परशुराम चौक पर हमेशा जाम के हालात बने रहते हैं। भगवान परशुराम चौक से ही दादरी के बस स्टैंड, कोर्ट परिसर, रोहतक रोड तथा दादरी पुराने शहर की तरफ रास्ता जाता है। जिस कारण यहां से हर रोज हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन होता है। लेकिन रविवार को जनता कर्फ्यू के चलते यहां से कुछ वाहनों का ही आवागमन हुआ। इसके अलावा दादरी पुराने शहर में स्थित हीरा चौक, झाडू सिंह चौक, लाला लाजपतराय चौक, बस स्टैंड रोड, पुरानी अनाज मंडी, दिल्ली रोड, रेलवे रोड, काठ मंडी, रोहतक रोड इत्यादि मुख्य मार्गों तथा चौराहों पर भी कोई हलचल नहीं दिखाई दी। जनता कर्फ्यू के चलते जिले के कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न हिस्सों में सैनिटाइजर का छिड़काव भी किया। सभी दुकानें रहीं बंद
रविवार को जनता कर्फ्यू के चलते व्यापार मंडल की विभिन्न यूनिटों के आह्वान पर शहर में सभी दुकानें बंद रही। शहर में केवल पेट्रोल पंप तथा मेडिकल स्टोर्स ही खुले रहे। अधिकांश दुकानदारों ने दुकानें बंद रख पूरा समय अपने परिवार के साथ बिताया। दादरी के हीरा चौक, काठ मंडी, पुरानी अनाज मंडी इत्यादि क्षेत्रों में कुछ दुकानदार दुकानों को बंद कर आसपास में ही ताश खेलते हुए दिखाई दिए। लाजपत राय चौक, हीरा चौक भी रहे सुनसान
उल्लेखनीय है कि दादरी के लाला लाजपत राय चौक तथा हीरा चौक में हर रोज शाम के समय काफी संख्या में चाट-पकौड़ियों की रेहड़ियां तथा स्टॉलें लगती हैं। काफी संख्या में शहरवासी इन स्थानों पर जाकर व्यंजनों का लुत्फ उठाते है। लेकिन रविवार को जनता कर्फ्यू का असर यहां भी दिखाई दिया। रविवार को दोनों ही मुख्य चौराहों पर एक भी रेहड़ी तथा स्टॉल नहीं दिखाई दी।