हठधर्मिता छोड़े सरकार, गांधी जयंती से सत्याग्रह करेंगे कर्मचारी : सुभाष लांबा
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : सरकार कर्मचारियों के रोष को गंभीरता ले और बातचीत न कर
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : सरकार कर्मचारियों के रोष को गंभीरता ले और बातचीत न करने की हठधर्मिता छोड़ कर्मचारियों की मांगों का समाधान करे। सरकार कर्मचारियों द्वारा 10 सितंबर के विधानसभा कूच, 12 सितंबर के दमन विरोधी दिवस व मंगलवार को जेल भरो आंदोलन में रखी गई मांगों को पूरा नहीं करती है तो यह उनके हितों से खिलवाड़ होगा। यह बात सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने संघ के जिला कार्यालय में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
सुभाष लांबा के साथ राज्य सचिव राजेंद्र जुलाना, जिला संयोजक राजकुमार घीकाड़ा, हेमसा की उपाध्यक्ष शर्मिला हुड्डा व राज्य कार्यकारिणी के सदस्य अशोक कुमार भी उपस्थित थे। महासचिव लांबा ने प्रदेश में चल रही स्वास्थ्य विभाग के एमपीएचडब्ल्यू व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के गैर कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग मानी हुई मांगों का नोटिफिकेशन जारी कर हड़ताल को समाप्त करवाने की बजाय कर्मचारियों पर एस्मा लगाने और उनकी सेवाएं बर्खास्त करने, निलंबन की कार्यवाही करके आंदोलन को कुचलने के प्रयास में जुटे हुए हैं। लेकिन कर्मचारी पीछे नहीं हटने वाले। मामले को लटकाने का आरोप
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि एमपीएचडब्ल्यू वर्कर्स 24 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। लेकिन उनकी मानी हुई मांगों का नोटिफिकेशन जारी करने की फाइल का पता ही नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि फाइल वित्त मंत्रालय में है और वित्त मंत्री कह रहे हैं कि वित्त मंत्रालय में कोई फाइल लंबित नहीं है। गांधी जयंती पर करेंगे सत्याग्रह
लांबा ने कहा कि सरकार ने एस्मा व उसके तहत की गई कार्रवाई को वापस, चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा, 13 सूत्रीय मांगपत्र पर गौर नहीं की तो आगामी दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर सुबह 9 से 5 बजे तक सत्याग्रह करेंगे। आंदोलन की अगली कड़ी में 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्रियों के विधानसभा हलकों में रोडवेज, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी जन सेवाओं विभागों को निजीकरण को बचाने, खाली पड़े पांच लाख पदों पर नियमित भर्ती, बेरोजगारों को रोजगार देने आदि मुद्दों को लेकर जनसभाएं और जन प्रतिनिधियों के साथ संगोष्ठी व सेमीनार आयोजित किए जाएंगे। अगले चरण में 23 अक्तूबर को राज्य के सभी कैबिनेट मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके बावजूद सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो 15 नवंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू होगी।